Arms act धारा १५ : अनुज्ञप्ति की अस्तित्वावधि और उसका नवीकरण :

आयुध अधिनियम १९५९
धारा १५ :
अनुज्ञप्ति की अस्तित्वावधि और उसका नवीकरण :
१) धारा ३ के अधीन की अनुज्ञप्ति यदि पहले ही प्रतिसंऱ्हत न कर दी जाए तो वह उस तारीख से, जिसको वह अनुदत्त की जाए, १.(पाँच वर्ष की कालावधि) के लिए प्रवृत्त बनी रहेगी :
परन्तु ऐसी अनुज्ञप्ति लघुतर कालावधि के लिए अनुदत्त की जा सकेगी यदि वह व्यक्ति जिसके द्वारा वह अनुज्ञप्ति अपेक्षित है वैसा चाहे या यदि अनुज्ञापन प्राधिकारी उन कारणों से जो लेखन द्वारा अभिलिखित किए जाएंगे किसी मामले में यह समझे कि अनुज्ञप्ति लघुतर कालावधि के लिए अनुदत्त की जानी चाहिए :
२.(परंतु यह और कि धारा ३ के अधीन अनुदत्त अनुज्ञप्ति, धारा ९ की उपधारा (१) के खंड (क) के उपखंड (दो) और उपखंड (तीन) में विनिर्दिष्ट शर्तो के अध्यधीन होगी और अनुज्ञप्तिधारी, अनुज्ञप्ति को उस तारीख से, जिसको यह अनुदत्त या नवीकृत की जाए, प्रत्येक पांच वर्ष के पश्चात्, अनुज्ञापन प्राधिकारी के समक्ष अग्नायुध या गोला बारुद और संबंधित दस्तावेज सहित पेश करेगा ।)
२) अध्याय २ के किसी अन्य उपबन्ध के अधीन की अनुज्ञप्ति यदि पहले ही प्रतिसंऱ्हत न कर दी जाए तो उस तारीख से, जिसको वह अनुदत्त की जाए, ऐसी कालावधि के लिए प्रवृत्त बनी रहेगी जिससे अनुज्ञापन प्राधिकारी हर एक मामले में अवधारित करे ।
३) हर अनुज्ञप्ति उस दशा के सिवाय जिसमें अनुज्ञप्ति प्राधिकारी उन कारणों से जो लेखन द्वारा अभिलिखित किए जाएंगे किसी मामले में अन्यथा विनिश्चित करे, उतनी ही कालावधि के लिए नवीकरणीय होगी, जितनी के लिए कि वह अनुज्ञप्ति मूलत: अनुदत्त की गई थी और समय-समय पर इसी प्रकार नवीकरणीय होगी और धाराओं १३ और १४ के उपबन्ध अनुज्ञप्ति के नवीकरण को वैसे ही लागू होंगे, जैसे वे उसके अनुदान को लागू होते हैं ।
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ४८ की धारा ८ द्वारा (१४-१२-२०१९ से) (तीन वर्ष की कालावधि) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. २०१९ का अधिनियम सं. ४८ की धारा ८ द्वारा (१४-१२-२०१९ से) परंतुक के पश्चात अंत:स्थापित ।

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