गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान-तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम १९९४
धारा १९ :
रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र :
(१) समुचित प्राधिकारी, जांच करने के पश्चात और अपना यह समाधान कर लेने के पश्चात कि आवेदक ने इस अधिनियम और इसके अधीन बनाए गए नियमों की सभी अपेक्षाओं का अनुपालन कर दिया है, और इस निमित्त सलाहकार समिति की सलाह को ध्यान में रखते हुए, यथास्थिति, आनुवंशिकी सलाह केन्द्र, आनुवंशिकी प्रयोगशाला या आनुवंशिकी क्लिनिक को, पृथक्त: या संयुक्तत: विहित प्ररूप में रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र देगा।
(२) यदि, जांच करने के पश्चात और आवेदक को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात और सलाहकार समिति की सलाह को ध्यान में रखते हुए, समुचित प्राधिकारी का यह समाधान हो जाता है कि आवेदक ने इस अधिनियम या नियमों की अपेक्षाओं का अनुपालन नहीं किया है तो वह रजिस्ट्रीकरण संबंधी आवेदन को, ऐसे कारणों से जो लेखबद्ध किए जाएंगे, नामंजूर कर देगा।
(३) प्रत्येक रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र का, ऐसी रीति से और ऐसी अवधि के पश्चात तथा ऐसी फीस का संदाय किए जाने पर, जो विहित की जाए, नवीकरण किया जाएगा।
(४) रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र, रजिस्ट्रीकृत आनुवंशिकी सलाह केन्द्र, आनुवंशिकी प्रयोगशाला या आनुवंशिकी क्लिनिक द्वारा अपने कारबार के स्थान में किसी सहजदृश्य स्थान पर प्रदर्शित किया जाएगा ।
