भारत का संविधान
अनुच्छेद ३७१ :
१(२(***) महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के संबंध में विशेष उपबन्ध ।
३. (***)
(२) इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, राष्ट्रपति, ४.(महाराष्ट्र या गुजरात राज्य) के संबंध में किए गए आदेश द्वारा : –
क) यथास्थिति, विदर्भ, मराठवाडा ५.(और शेष महाराष्ट्र या ) सौराष्ट्र, कच्छ और शेष गुजरात के लिए पृथक विकास बोर्डों की स्थापना के लिए, इस उपबंध सहित कि इन बोर्डों में से प्रत्येक के कार्यकरण पर एक प्रतिवेदन राज्य विधान सभा के समक्ष प्रतिवर्ष रखा जाएगा,
ख) समस्त राज्य की आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए, उक्त क्षेत्रों के विकास व्यय के लिए निधियों के साम्यापूर्ण आबंटन के लिए, और
ग) समस्त राज्य की आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए, उक्त सभी क्षेत्रों के संबंध में, तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त सुविधाओं की और राज्य सरकार के नियंत्रण के अधीन सेवाओं में नियोजन के लिए पर्याप्त अवसरों की व्यवस्था करने वाली साम्यपूर्ण व्यवस्था करने के लिए ,
राज्यपाल के किसी विशेष उत्तरदायित्व के लिए उपबंध कर सकेगा । )
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१.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २२ द्वारा अनुच्छेद ३७१ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२.संविधान (बत्तीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७३ की धारा २ द्वारा (१-७-१९७४ से) आंध्र प्रदेश शब्दों का लोप किया गया ।
३.संविधान (बत्तीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७३ की धारा २ द्वारा (१-७-१९७४ से ) खंड (१) का लोप किया गया ।
४. मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, १९६० (१९६० का ११) की धारा ८५ द्वारा (१-५-१९६० से) मुंबई राज्य के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
५.मुंबई पुनर्गठन अधिनियम, १९६० (१९६० का ११) की धारा ८५ द्वारा (१-५-१९६० से) शेष महाराष्ट्र के स्थान पर प्रतिस्थापित ।