भारत का संविधान
अनुच्छेद ३६४ :
महापत्तनों और विमान क्षेत्रों के बारे में विशेष उपबंध ।
१)इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, राष्ट्रपति लोक अधिसूचना द्वारा निदेश दे सकेगा कि ऐसी तारीख से, जो उस अधिसूचना में विनिर्दिष्ट की जाए, –
क) संसद् या किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई कोई विधि किसी महापत्तन या विमानक्षेत्र को लागू नहीं होगी अथवा ऐसे अपवादों या उपांतरणों के अधीन रहते हुए लागू होगी जो उस अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किए जाएं ; या
ख) कोई विद्यमान विधि किसी महापत्तन या विमानक्षेत्र में उन बातों के सिवाय प्रभावी नहीं रहेगी जिन्हें उक्त तारीख से पहले किया गया है या करने का लोप किया गया है अथवा ऐसे पत्तन या विमान क्षेत्र को लागू होने में ऐसे अपवादों या उपांतरणों के अधीन रहते हुए प्रभावी होनी जो उस अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किए जाएं ।
२) इस अनुच्छेद में –
क) महापत्तन से ऐसा पत्तन अभिप्रेत है जिसे संसद् द्वारा बनाई गई किसी विधि या किसी विद्यमान विधि द्वारा या उसके अधीन महापत्तन घोषित किया गया है और इसके अंतर्गत ऐसे सभी क्षेत्र हैं जो उस समय ऐसे पत्तन की सीमाओं के भीतर हैं ;
ख) विमानक्षेत्र से वायु मार्गों वायुयानों और विमान चालन से संबंधित अधिनियमितियों के प्रयोजनों के लिए यथा परिभाषित विमानक्षेत्र अभिप्रेत है ।