भारत का संविधान
अनुच्छेद ३६१क :
१.( संसद् और राज्यों के विधान मंडलों की कार्यवाहियों के प्रकाशन का संरक्षण ।
१) कोई व्यक्ति संसद् के किसी सदन या, यथास्थिति, किसी राज्य की विधान सभा या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन की किन्हीं कार्यवाहियों के सारत: सही विवरण के किसी समाचारपत्र में प्रकाशन के संबंध में किसी न्यायालय में किसी भी प्रकार की सिविल या दांडिक कार्यवाही का तब तक भागी नहीं होगा जब तक यह साबित नहीं कर दिया जाता है कि प्रकाशन विद्वेषपूर्वक किया गया है :
परन्तु इस खंड की कोई बात संसद् के किसी सदन या, यथास्थिति, किसी राज्य की विधान सभा या किसी राज्य के विधान- मंडल के किसी सदन की गुप्त बैठक की कार्यवाहियों के विवरण के प्रकाशन को लागू नहीं होगी ।
२)खंड (१) किसी प्रसारण केन्द्र के माध्यम से उपलब्ध किसी कार्यक्रम या सेवा के भाग-रूप बेतार तारयांत्रिकी के माध्यम से प्रसारित रिपोर्टों या सामग्री के संबंध में उसी प्रकार लागू होगा जिस प्रकार वह किसी समाचारपत्र में प्रकाशित रिपोर्टों या सामग्री के संबंध में लागू होता है ।
स्पष्टीकरण :
इस अनुच्छेद में, समाचारपत्र के अंतर्गत समाचार एजेंसी की ऐसी रिपोर्ट है जिसमें किसी समाचारपत्र में प्रकाशन के लिए सामग्री अंतर्विष्ट है । )
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१.संविधान (चवालीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७८ की धारा ४२ द्वारा (२०-६-१९७९ से) अंत:स्थापित ।