Constitution अनुच्छेद ३४२ : अनुसूचित जनजातियां ।

भारत का संविधान
अनुच्छेद ३४२ :
अनुसूचित जनजातियां ।
१)राष्ट्रपति, १(किसी राज्य २(या संघ राज्यक्षेत्र ) के संबंध में और जहां वहां ३.(***) राज्य है वहां उसके राज्यपाल से ४.(***) परामर्श करने के पश्चात्) ५.लोक अधिसूचना द्वारा, उन जनजातियों या जनजाति समुदायों अथवा जनजातियों या जनजाति समुदायों के भागों या उनमें के यूथों को विनिर्दिष्ट कर सकेगा, जिन्हें इस संविधान के प्रयोजनों के लिए, ५. (यथास्थिति) उस राज्य ५.(या संघ राज्यक्षेत्र) के संबंध में अनुसूचित जनजातियां समझा जाएगा ।
२) संसद्, विधि द्वारा, किसी जनजाति या जनजाति समुदाय को अथवा किसी जनजाति या जनजाति समुदाय के भाग या उसमें के यूथ को खंड (१) के अधीन निकाली गई अधिसूचना में विनिर्दिष्ट अनुसूचित जनजातियों की सूची में सम्मिलित कर सकेगी या उसमें से अपवर्जित कर सकेगी, किन्तु जैसा ऊपर कहा गया है उसके सिवाय उक्त खंड के अधीन निकाली गई अधिसूचना में किसी पश्चात्वर्ती अधिसूचना द्वारा परिवर्तन नहीं किया जाएगा ।
——————–
१.संविधान (पहला संशोधन) अधिनियम, १९५१ की धारा ११ द्वारा राज्य के राज्यपाल या राजप्रमुख से परामर्श करने के पश्चात् के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा पहली अनुसूची के भाग क या भाग ख में विनिर्दिष्ट शब्दों और अक्षरों का लोप किया गया ।
३.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा या राजप्रमुख शब्दों का लोप किया गया ।
४.संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश, १९५० ( सं.आ. २२) संविधान (अनुसूचित जनजातियां) (संघ राज्यक्षेत्र) आदेश, १९५१ ( सं.आ. ३३), संविधान (अंदमान और निकोबार द्वीप ) अनुसूचित जनजातियां आदेश, १९५९ (सं.आ.५८), संविधान (दादर और नागर हवेली) अनुसूचित जनजातियां आदेश, १९६२ (सं.आ.६५), संविधान (अनुसूचित जनजातियां ) (उत्तर प्रदेश) आदेश, १९६७ (सं.आ.७८) संविधान (गोवा, दमण और दीव ) अनुसूचित जनजातियां आदेश, १९६८ (सं.आ.८२), संविधान (नागालँड) अनुसूचित जनजातियां आदेश, १९७० (सं.आ. ८८) और संविधान (सिक्किम) अनुसूचित जनजातियां आदेश, १९७८ (सं.आ. १११) देखिए ।
५.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा अंत:स्थापित ।

Leave a Reply