Constitution अनुच्छेद ३११ : संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना ।

भारत का संविधान
अनुच्छेद ३११ :
संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना ।
१)किसी व्यक्ति को जो संघ की सिविल सेवा का या अखिल भारतीय सेवा का या राज्य की सिविल सेवा का सदस्य है अथवा संघ या राज्य के अधीन कोई सिविल पद धारण करता है, उसकी नियुक्ति करने वाले प्राधिकारी के अधीनस्थ किसी प्राधिकारी द्वारा पदच्युत नहीं किया जाएगा या पद से नहीं हटाया जाएगा ।
१.(२) यथापूर्वोक्त किसी व्यक्ति को, ऐसी जांच के पश्चात् ही, जिसमें उसे अपने विरूध्द आरोपों की सूचना दे दी गई है और उन आरोपों के संबंध में २.(***) सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर दे दिया गया है, पदच्युत किया जाएगा या पद से हटाया जाएगा या पंक्ति में अवनत किया जाएगा, अन्यथा नहीं :
३.(परंतु जहां ऐसी जांच के पश्चात् उस पर ऐसी कोई शास्ति अधिरोपित करने की प्रस्थापना है वहां ऐसी शास्ति ऐसी जांच के दौरान दिए गए साक्ष्य के आधार पर अधिरोपित की जा सकेगी और ऐसे व्यक्ति को प्रस्थापित शास्ति के विषय में अभ्यावेदन करने का अवसर देना आवश्यक नहीं होगा :
परंतु यह और कि यह खंड वहां लागू नहीं होगा – )
क) जहां किसी व्यक्ति को ऐसे आचरण के आधार पर पदच्युत किया जाता है या पद से हटाया जाता है या पंक्ति में अवनत किया जाता है जिसके लिए आपराधिक आरोप पर उसे सिध्ददोष ठहराया गया है; या
ख) जहां किसी व्यक्ति को पदच्युत करने या पद से हटाने या पंक्ति में अवनत करने के लिए सशक्त प्राधिकारी का यह समाधान हो जाता है कि किसी कारण से, जो उस प्राधिकारी द्वारा लेखबध्द किया जाएगा, यह युक्तियुक्त रूप से साध्य नहीं है कि ऐसी जांच की जाए ;या
ग) जहां, यथास्थिति, राष्ट्रपति या राज्यपाल का यह समाधान हो जाता है कि राज्य की सुरक्षा के हित में यह समीचीन नहीं है कि ऐसी जांच की जाए ।
३) यदि यथापूर्वोक्त किसी व्यक्ति के संबंध में यह प्रश्न उठता है कि खंड (२) में निर्दिष्ट जांच करना युक्तियुक्त रूप से साध्य है या नहीं तो उस व्यक्ति को पदच्युत करने या पद से हटाने या पंक्ति में अवनत करने के लिए सशक्त प्राधिकारी का उस पद विनिश्चिय अंतिम होगा । )
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१.संविधान (पन्द्रहवां संशोधन) अधिनियम, १९६३ की धारा १० द्वारा खंड (२) और खंड (३) के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२.संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७६ की धारा ४४ द्वारा (३-१-१९७७ से ) कुछ शब्दों का लोप किया गया ।
३.संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७६ की धारा ४४ द्वारा (३-१-१९७७ से) कुछ शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।

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