भारत का संविधान
अनुच्छेद ३०५ :
१.(विद्यमान विधियों और राज्य के एकाधिकार का उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति ।
वहां तक के सिवाय जहां तक राष्ट्रपति आदेश द्वारा अन्यथा निदेश दे अनुच्छेद ३०१ और अनुच्छेद ३०३ की कोई बात किसी विद्यमान विधि के उपबंधों पर कोई प्रभाव नहीं डालेगी और अनुच्छेद ३०१ की कोई बात संविधान (चौथा संशोधन) अधिनियम, १९५५ के प्रारंभ से पहले बनाई गई किसी विधि के प्रवर्तन पर वहां तक कोई प्रभाव नहीं डालेगी जहां तक वह विधि किसी ऐसे विषय से संबंधित है, जो अनुच्छेद १९ के खंड (६) के उपखंड (२) में निर्दिषतट है या वह विधि ऐसे किसी विषय के संबंध में, जो अनुच्छेद १९ के खंड (६) के उपखंड (२) में निर्दिष्ट है, विधि बनाने से संसद् या किसी राज्य के विधान-मंडल को नहीं रोकेगी । )
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१.संविधान (चौथा संशोधन) अधिनियम १९५५ की धारा ४ द्वारा अनुच्छेद ३०५ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।