भारत का संविधान
अनुच्छेद २४३ म :
वित्त आयोग ।
१)अनुच्छेद २४३झ के अधीन गठित वित्त आयोग नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति का भी पुनर्विलोकन करेगा और जो-
क) १)राज्य द्वारा उद्गृहणीय ऐसे करों, शुल्कों, पथकरों और फीसों के ऐसे शुध्द आगमों के राज्य और नगरपालिकाओं के बीच, जो इस भाग के अधीन उनमें विभाजित किए जाएं, वितरण को और सभी स्तरों पर नगरपालिकाओं के बीच ऐसे आगमों के तत्संबंधी भाग के आबंटन को;
२)ऐसे करों, शुल्कों, पथकरों और फीसों के अवधारण को, जो नगरपालिकाओं को समनुदिष्ट की जा सकेंगी या उनके द्वारा विनियोजित की जा सकेंगी ;
३)राज्य की संचित निधि में से नगरपालिकाओं के लिए सहायता अनुदान को, शासित करने वाले सिध्दांतों के बारे में;
ख) नगरपालिकाओं की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए आवश्यक अध्युपायों के बारे में ;
ग)नगरपालिकाओं के सुदृढ वित्त के हित में राज्यपाल द्वारा वित्त आयोग को निर्दिेष्ट किए गए किसी अन्य विषय के बारे में,
राज्यपाल को सिफारिश करेगा ।
२)राज्यपाल इस अनुच्छेद के अधीन आयोग द्वारा की गई प्रत्येक सिफारिश को, उस पर की गई कार्रवाई के स्पष्टीकारक ज्ञापन सहित, राज्य के विधान-मंडल के समक्ष रखवाएगा ।