भारत का संविधान
अनुच्छेद २३० :
१.(उच्च न्यायालयों की अधिकारिता का संघ राज्यक्षेत्रों पर विस्तार ।
(१) संसद्, विधि द्वारा, किसी संघ राज्यक्षेत्र पर किसी उच्च न्यायालय की अधिकारिता का विस्तार कर सकेगी या किसी संघ राज्यक्षेत्र से किसी उच्च न्यायालय की अधिकारिता का अपवर्जन कर सकेगी ।
२) जहां किसी राज्य का उच्च न्यायालय किसी संघ राज्यक्षेत्र के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग करता है, वहां –
क) इस संविधान की किसी बात का यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि वह उस राज्य के विधान-मंडल को उस अधिकारिता में वृध्दि, उसका निर्बंधन या उत्सादन करने के लिए सशक्त करती है ; और
ख) उस राज्यक्षेत्र में अधीनस्थ न्यायालयों के लिए किन्हीं नियमों, प्ररूपों या सारणियों के संबंध में, अनुच्छेद २२७ में राज्यपाल के प्रति निर्देश का, यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह राष्ट्रपति के प्रति निर्देश है ।
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१.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा १६ द्वारा अनुच्छेद २३०,२३१ और २३२ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।