भारत का संविधान
अनुच्छेद २२० :
१.(स्थायी न्यायाधीश रहने के पश्चात् विधि व्यवसाय पर निर्बंधन ।
कोई व्यक्ति, जिसने इस संविधान के प्रारंभ के पश्चात् किसी उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पद धारण किया है, उच्चतम न्यायालय और अन्य उच्च न्यायालयों के सिवाय भारत में किसी न्यायालय या किसी प्राधिकारी के समक्ष अभिवचन या कार्य नहीं करेगा ।
स्पष्टीकरण :
इस अनुच्छेद में, उच्च न्यायालय पद के अंतर्गत संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ के २.(प्रारंभ) से पहले विद्यमान पहली अनुसूची के भाग ख में विनिर्दिष्ट राज्य का उच्च न्यायालय नहीं है । )
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१.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा १३ द्वारा अनुच्छेद २२० के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२.१ नवंबर, १९५६ ।