धारा १४ : १.(अधिनियम आदि के उपबंधों के उल्लंघन के लिए शास्ति :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६
धारा १४ :
१.(अधिनियम आदि के उपबंधों के उल्लंघन के लिए शास्ति :
जो कोई-
(a)क) भारत के किसी क्षेत्र में, उस अवधि से, जिसके लिए उसे वीजा जारी किया गया था, अधिक अवधि तक रहता है;
(b)ख) भारत में या उसके किसी भाग में उसके प्रवेश तथा ठहरने के लिए उसे जारी किए गए विधिमान्य वीजा की शर्तों के अतिक्रमण में कोई कार्य करता है;
(c)ग) इस अधिनियम के ऐसे उपबंधों या उसके अधीन किए गए किसी आदेश या इस अधिनियम या ऐसे आदेश के अनुसरण में किए गए किसी निदेश का उल्लंघन करता है, जिसके लिए इस अधिनियम के अधीन किसी विनिर्दिष्ट दंड का उपबंध नहीं किया गया है,
तो वह कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने का भी दायी होगा और यदि उसने धारा ३ की उपधारा (२) के खंड (च) के अनुसरण में बंधपत्र दिया है तो उसका बंधपत्र समपहृत कर लिया जाएगा और तद्वारा आबद्ध कोई व्यक्ति उसके लिए शास्ति का संदाय करेगा या दोषसिद्ध करने वाले न्यायालय के समाधानपर्यन्त हेतुक दर्शित करेगा कि उसके द्वारा ऐसी शास्ति का संदाय क्यों न किया जाए।
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए, वीजा पद का वही अर्थ होगा जो उसका पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, १९२० (१९२० का ३४) के अधीन बनाए गए पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) नियम, १९५० में है।)
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१. २००४ के अधिनियम सं० १६ की धारा २ द्वारा धारा १४ प्रतिस्थापित।

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