धारा १३ : इस अधिनियम आदि के उपबन्धों का उल्लंघन करने का प्रयास आदि :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६
धारा १३ :
इस अधिनियम आदि के उपबन्धों का उल्लंघन करने का प्रयास आदि :
१) कोई व्यक्ति जो इस अधिनियम के उपबन्धों या तद्धीन बनाए गए किसी आदेश या दिए गए किसी निदेश का उल्लंघन या दुष्प्रेरण की तैयारी करता है या दुष्प्रेरण करने का प्रयास करता है या उल्लंघन में कोई कार्य करता है या किसी ऐसे आदेश के अनुसरण में दिए गए किसी निदेश का अनुपालन करने में असफल रहता है तो यह समझा जाएगा कि उसने इस अधिनियम के उपबन्धों का उल्लंघन किया है।
२) कोई व्यक्ति जो यह जानते हुए या यह विश्वास करने का युक्तियुक्त कारण होते हुए कि किसी अन्य व्यक्ति ने इस अधिनियम या तद्धीन किए गए किसी आदेश या दिए गए किसी निदेश के उपबन्धों का उल्लंघन किया है, उस अन्य व्यक्ति की इस आशय से सहायता करता है कि तद्वारा उक्त उल्लंघन के लिए उसकी गिरफ्तारी, विचारण या दण्ड में रुकावट, प्रतिबाधा या अन्यथा हस्तक्षेप होगा तो यह समझा जाएगा कि उसने ऐसे उल्लंघन को दुष्प्रेरित किया है।
३) यथास्थिति, किसी ऐसे जलयान के मास्टर या वायुयान के चालक के बारे में जिसके माध्यम से कोई विदेशी धारा ३ के अधीन किए गए किसी आदेश या उक्त धारा के अनुसरण में दिए गए किसी निदेश के उल्लंघन में १.(भारत) में प्रवेश या भारत से प्रस्थान करता है, जब तक वह यह साबित नहीं कर दे कि उसने उक्त उल्लंघन का निवारण करने के लिए सभी सम्यक तत्परता बरती थी, यह समझा जाएगा कि उसने इस अधिनियम का उल्लंघन किया है।
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१. १९४७ के अधिनियम सं० ३८ की धारा २ द्वारा ब्रिटिश भारत के स्थान पर प्रतिस्थापित।

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