भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
(२०२३ का अधिनियम क्रमांक ४६)
दण्ड प्रक्रिया संबंधी विधि का समेकन और संशोधन करने के लिए अधिनियम
भारत गणराज्य के चौहत्तरवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रुप में यह अधिनियमित हो :-
अध्याय १ :
प्रारम्भिक :
धारा १ :
संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ :
१) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ है ।
२) इसका विस्तार संपूर्ण भारत पर है:
परन्तु इस संहिता के अध्याय ९, ११ और १२ से संबंधित उपबन्धों से भिन्न, उपबन्ध, –
(a) क) नागालैण्ड राज्य को;
(b) ख) जनजाति क्षेत्र को;
लागू नहीं होंगे, किन्तु संबद्ध राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा, ऐसे उपबन्धों या उनमें से किसी को, यथास्थिति, संम्पूर्ण नागालैण्ड राज्य या ऐसे जनजाति क्षेत्र अथवा उनके किसी भाग पर ऐसे अनुपूरक, आनुषांगिक या पारिणामिक उपान्तरों सहित लागू कर सकती है जो अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किए जाएँ ।
स्पष्टीकरण :
इस धारा में, जनजाति क्षेत्र से वे राज्यक्षेत्र अभिप्रेत हैं, जो १९७२ की जनवरी के २१ वें दिन के ठीक पहले, संविधान की षष्ठ अनुसूची के पेरा २० में यथानिर्दिष्ट असम के जनजाति क्षेत्रों में सम्मिलित थे और जो शिलांग नगरपालिका की स्थानीय सीमाओं के भीतर के क्षेत्रों से भिन्न है ।
३) यह ऐसी १.(तारीख) से प्रवृत्त होगा, जिसे भारत सरकार राजपत्र में अधिसूचना दारा नियत करे ।
——-
१. १ जुलाई २०२४, अधिसूचना संख्यां क्रमांक एस. ओ. ८४८(ई), दिनांक २३ फरवरी २०२४, भारत का राजपत्र, असाधारण, भाग २, धारा ३ (दो) देखें ।