Pwdva act 2005 धारा ३७ : केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा ३७ : केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति : (१) केन्द्रीय सरकार, अधिसूचना द्वारा, इस अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए नियम, बना सकेगी। (२) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ऐसे…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा ३७ : केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

Pwdva act 2005 धारा ३६ : अधिनियम का किसी अन्य विधि के अल्पीकरण में न होना :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा ३६ : अधिनियम का किसी अन्य विधि के अल्पीकरण में न होना : इस अधिनियम के उपबंध, तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के उपबंधों के अतिरिक्त होंगे और न कि उनके अल्पीकरण में।

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा ३६ : अधिनियम का किसी अन्य विधि के अल्पीकरण में न होना :

Pwdva act 2005 धारा ३५ : सद्धावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा ३५ : सद्धावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण : इस अधिनियम या उसके अधीन बनाए गए किसी नियम या किए गए आदेश के अधीन सद्भावपूर्वक की गई या की जाने के लिए आशयित किसी बात से कारित या कारित…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा ३५ : सद्धावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण :

Pwdva act 2005 धारा ३४ : संरक्षण अधिकारी द्वारा किए गए अपराध का संज्ञान :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा ३४ : संरक्षण अधिकारी द्वारा किए गए अपराध का संज्ञान : संरक्षण अधिकारी के विरुद्ध कोई अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही तब तक नहीं होगी जब तक राज्य सरकार या इस निमित्त उसके द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी की पूर्व मंजूरी…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा ३४ : संरक्षण अधिकारी द्वारा किए गए अपराध का संज्ञान :

Pwdva act 2005 धारा ३३ : संरक्षण अधिकारी द्वारा कर्तव्यों का निर्वहन न करने के लिए शास्ति :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा ३३ : संरक्षण अधिकारी द्वारा कर्तव्यों का निर्वहन न करने के लिए शास्ति : यदि कोई संरक्षण अधिकारी, संरक्षण आदेश में मजिस्ट्रेट द्वारा यथा निदेशित अपने कर्तव्यों का, किसी पर्याप्त हेतुक के बिना, निर्वहन करने में असफल रहता है या…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा ३३ : संरक्षण अधिकारी द्वारा कर्तव्यों का निर्वहन न करने के लिए शास्ति :

Pwdva act 2005 धारा ३२ : संज्ञान और सबूत :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा ३२ : संज्ञान और सबूत : (१) दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी धारा ३१ की उपधारा (१) के अधीन अपराध संज्ञेय और अजमानतीय होगा। (२) व्यथित व्यक्ति के एकमात्र परिसाध्य…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा ३२ : संज्ञान और सबूत :

Pwdva act 2005 धारा ३१ : प्रत्यर्थी द्वारा संरक्षण आदेश के भंग के लिए शास्ति :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा ३१ : प्रत्यर्थी द्वारा संरक्षण आदेश के भंग के लिए शास्ति : (१) प्रत्यर्थी द्वारा संरक्षण आदेश या किसी अंतरिम संरक्षण आदेश का भंग, इस अधिनियम के अधीन एक अपराध होगा और वह दोनों में से किसी भांति के कारावास…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा ३१ : प्रत्यर्थी द्वारा संरक्षण आदेश के भंग के लिए शास्ति :

Pwdva act 2005 धारा ३० : संरक्षण अधिकारियों और सेवा प्रदाताओं के सदस्यों का लोक सेवक होना :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ अध्याय ५ : प्रकीर्ण : धारा ३० : संरक्षण अधिकारियों और सेवा प्रदाताओं के सदस्यों का लोक सेवक होना : संरक्षण अधिकारी और सेवा प्रदाताओं के सदस्य जब वे इस अधिनियम के उपबंधों में से किसी उपबन्ध या उसके अधीन बनाए…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा ३० : संरक्षण अधिकारियों और सेवा प्रदाताओं के सदस्यों का लोक सेवक होना :

Pwdva act 2005 धारा २९ : अपील :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा २९ : अपील : उस तारीख से, जिसको मजिस्ट्रेट द्वारा किए गए आदेश की, यथास्थिति, व्यथित व्यक्ति या प्रत्यर्थी पर जिस पर भी पश्चात्वर्ती हो, तामील की जाती है, तीस दिनों के भीतर सेशन न्यायालय में कोई अपील हो सकेगी।

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा २९ : अपील :

Pwdva act 2005 धारा २८ : प्रक्रिया :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा २८ : प्रक्रिया : (१) इस अधिनियम में अन्यथा उपबंधित के सिवाय धारा १२, धारा १८, धारा १९, धारा २०, धारा २१, धारा २२ और धारा २३ के अधीन सभी कार्यवाहियां और धारा ३१ के अधीन अपराध, दंड प्रक्रिया संहिता,…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा २८ : प्रक्रिया :

Pwdva act 2005 धारा २७ : अधिकारिता :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा २७ : अधिकारिता : (१) यथास्थिति, प्रथम वर्ग के न्यायिक मजिस्ट्रेट या महानगर मजिस्ट्रेट का न्यायालय, जिसकी स्थानीय सीमाओं के भीतर - (a)(क) व्यथित व्यक्ति स्थायी रूप से या अस्थायी रूप से निवास करता है या कारबार करता है या…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा २७ : अधिकारिता :

Pwdva act 2005 धारा २६ : अन्य वादों और विधिक कार्यवाहियों में अनुतोष :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा २६ : अन्य वादों और विधिक कार्यवाहियों में अनुतोष : (१) धारा १८, धारा १९, धारा २०, धारा २१ और धारा २२ के अधीन उपलब्ध कोई अनुतोष, किसी सिविल न्यायालय, कुटुम्ब न्यायालय या किसी दंड न्यायालय के समक्ष किसी व्यथित…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा २६ : अन्य वादों और विधिक कार्यवाहियों में अनुतोष :

Pwdva act 2005 धारा २५ : आदेशों की अवधि और उनमें परिवर्तन :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा २५ : आदेशों की अवधि और उनमें परिवर्तन : (१) धारा १८ के अधीन किया गया संरक्षण आदेश व्यथित व्यक्ति द्वारा निर्मोचन के लिए आवेदन किए जाने तक प्रवृत्त रहेगा। (२) यदि मजिस्ट्रेट का, व्यथित व्यक्ति या प्रत्यर्थी से किसी…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा २५ : आदेशों की अवधि और उनमें परिवर्तन :

Pwdva act 2005 धारा २४ : न्यायालय द्वारा आदेश की प्रतियों का नि:शुल्क दिया जाना :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा २४ : न्यायालय द्वारा आदेश की प्रतियों का नि:शुल्क दिया जाना : मजिस्ट्रेट, सभी मामलों में जहां उसने इस अधिनियम के अधीन कोई आदेश पारित किया है, वहां यह आदेश देगा कि ऐसे आदेश की एक प्रति नि:शुल्क आवेदन के…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा २४ : न्यायालय द्वारा आदेश की प्रतियों का नि:शुल्क दिया जाना :

Pwdva act 2005 धारा २३ : अंतरिम और एकपक्षीय आदेश देने की शक्ति :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा २३ : अंतरिम और एकपक्षीय आदेश देने की शक्ति : (१) मजिस्ट्रेट, इस अधिनियम के अधीन उसके समक्ष किसी कार्यवाही मं ऐसा अंतरिम आदेश, जो न्यायसंगत और उपयुक्त हो, पारित कर सकेगा। (२) यदि मजिस्ट्रेट का यह समाधान हो जाता…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा २३ : अंतरिम और एकपक्षीय आदेश देने की शक्ति :

Pwdva act 2005 धारा २२ : प्रतिकर आदेश :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा २२ : प्रतिकर आदेश : अन्य अनुतोष के अतिरिक्त, जो इस अधिनियम के अधीन अनुदत्त की जाएं, मजिस्ट्रेट, व्यथित व्यकि द्वारा किए गए आवेदन पर, प्रत्यर्थी को क्षतियों के लिए, जिसके अंतर्गत उस प्रत्यर्थी द्वारा की गई घरेलू हिंसा के…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा २२ : प्रतिकर आदेश :

Pwdva act 2005 धारा २१ : अभिरक्षा आदेश :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा २१ : अभिरक्षा आदेश : तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, मजिस्ट्रेट, इस अधिनियम के अधीन संरक्षण आदेश या किसी अन्य अनुतोष के लिए आवेदन की सुनवाई के किसी प्रक्रम पर व्यथित व्यक्ति…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा २१ : अभिरक्षा आदेश :

Pwdva act 2005 धारा २० : धनीय अनुतोष :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा २० : धनीय अनुतोष : १) धारा १२ की उपधारा (१) के अधीन किसी आवेदन का निपटारा करते समय, मजिस्ट्रेट, घरेल हिंसा के परिणामस्वरूप व्यथित व्यक्ति और व्यथित व्यक्ति की किसी संतान द्वारा उपगत व्यय और सहन की गई हानियों…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा २० : धनीय अनुतोष :

Pwdva act 2005 धारा १९ : निवास आदेश :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा १९ : निवास आदेश : १) धारा १२ की उपधारा (१) के अधीन किसी आवेदन का निपटारा करते समय, मजिस्ट्रेट, यह समाधान होने पर कि घरेलू हिंसा हुई है तो निम्नलिखित निवास आदेश पारित कर सकेगा :- (a)क) प्रत्यर्थी को…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा १९ : निवास आदेश :

Pwdva act 2005 धारा १८ : संरक्षण आदेश :

घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ धारा १८ : संरक्षण आदेश : मजिस्ट्रेट, व्यथित व्यक्ति और प्रत्यर्थी को सुनवाई का एक अवसर दिए जाने के पश्चात् और उसका प्रथमदृष्ट्या समाधान होने पर कि घरेलू हिंसा हुई है या होने वाली है, व्यथित व्यक्ति के पक्ष में एक…

Continue ReadingPwdva act 2005 धारा १८ : संरक्षण आदेश :