सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ अनुसूची :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ अनुसूची : (धारा १७ देखिए) : १. बिहार हरिजन (रिमूवल आफ सिविल डिसेबिलिटी) ऐक्ट, १९४९ (१९४९ का बिहार अधिनियम संख्यांक १९)। २. बाम्बे हरिजन (रिमूवल आफ सोशल डिसेबिलिटी) ऐक्ट, १९४६ (१९४७ का मुंबई अधिनियम संख्यांक १)। ३. बाम्बे हरिजन टैम्पल…

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Pcr act धारा १७ : निरसन :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा १७ : निरसन : अनुसूची में विनिर्दिष्ट अधिनियमितियां, जहां तक कि वे या उनमें अन्तर्विष्ट उपबन्धों में से कोई इस अधिनियम या उसमें अन्तर्विष्ट उपबंधों में से किसी के समान है या उसके विरुद्ध है, एतद्द्वारा निरसित की जाती…

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Pcr act धारा १६ख : नियम बनाने की शक्ति :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा १६ख : नियम बनाने की शक्ति : (१) केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, इस अधिनियम के उपबन्धों का पालन करने के लिए, नियम बना सकेगी। (२) इस अधिनियम के अधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा बनाया गया प्रत्येक नियम, बनाए…

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Pcr act धारा १६क : १.(अपराधी परिवीक्षा अधिनियम, १९५८ का चौदह वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को लागू न होना :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा १६क : १.(अपराधी परिवीक्षा अधिनियम, १९५८ का चौदह वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को लागू न होना : अपराधी परिवीक्षा अधिनियम, १९५८ (१९५८ का २०) के उपबन्ध किसी ऐसे व्यक्ति को लागू नहीं होंगे, जो चौदह वर्ष से…

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Pcr act धारा १६ : अधिनियम अन्य विधियों का अध्यारोहण करेगा :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा १६ : अधिनियम अन्य विधियों का अध्यारोहण करेगा : इस अधिनियम में अभिव्यक्त रूप से अन्यथा उपबन्धित के सिवाय, इस अधिनियम के उपबन्ध, किसी तत्समय प्रवृत्त विधि में उनसे असंगत किसी बात के होते हुए भी या किसी रूढी…

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Pcr act धारा १५क : १.(अस्पृश्यता का अंत करने से प्रोद्भूत अधिकारों से सम्बन्धित व्यक्तियों द्वारा फायदा उठाना सुनिश्चित करने का राज्य सरकार का कर्तव्य :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा १५क : १.(अस्पृश्यता का अंत करने से प्रोद्भूत अधिकारों से सम्बन्धित व्यक्तियों द्वारा फायदा उठाना सुनिश्चित करने का राज्य सरकार का कर्तव्य : (१) ऐसे नियमों के अधीन रहते हुए, जो केन्द्रीय सरकार इस निमित्त बनाए, राज्य सरकार ऐसे…

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Pcr act धारा १५ : १.(अपराध संज्ञेय और संक्षेपत: विचारणीय होंगे :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा १५ : १.(अपराध संज्ञेय और संक्षेपत: विचारणीय होंगे : (१) दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) में किसी बात के होते हुए भी इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय हर अपराध संज्ञेय होगा और ऐसे हर अपराध पर सिवाय…

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Pcr act धारा १४क : १.(सद्भावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा १४क : १.(सद्भावपूर्वक की गई कार्रवाई के लिए संरक्षण : (१) कोई भी वाद, अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही किसी भी ऐसी बात के बारे में, जो इस अधिनियम के अधिन सद्भावपूर्वक की गई हो या की जाने के…

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Pcr act धारा १४ : कंपनियों द्वारा अपराध :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा १४ : कंपनियों द्वारा अपराध : (१) यदि इस अधिनियम के अधीन अपराध करने वाला व्यक्ति कम्पनी हो तो हर ऐसा व्यक्ति, जो अपराध किए जाने के समय उस कम्पनी के कारबार के संचालन के लिए उस कम्पनी का…

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Pcr act धारा १३ : सिविल न्यायालयों की अधिकारिता की परिसीमा :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा १३ : सिविल न्यायालयों की अधिकारिता की परिसीमा : (१) यदि सिविल न्यायालय के समक्ष के किसी वाद या कार्यवाही में अन्तग्र्रस्त दावा या किसी डिक्री या आदेश का दिया जाना या किसी डिक्री या आदेश का पूर्णत: या…

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Pcr act धारा १२ : कुछ मामलों में न्यायालयों द्वारा उपधारणा :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा १२ : कुछ मामलों में न्यायालयों द्वारा उपधारणा : जहां कि इस अधिनियम के अधीन अपराध गठित करने वाला कोई कार्य १.(***) अनुसूचित जाति के सदस्य के सम्बन्ध में किया जाए वहां, जब तक कि प्रतिकूल साबित न किया…

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Pcr act धारा ११ : पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि पर वर्धित शास्ति :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ११ : पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि पर वर्धित शास्ति : जो कोई इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध का या ऐसे अपराध के दुष्प्रेरण का पहले दोषसिद्ध हो चुकने पर किसी ऐसे अपराध या दुष्प्रेरण का पुन: दोषसिद्ध होगा, १.(वह दोषसिद्धि…

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Pcr act धारा १०क : १.(सामूहिक जुर्माना अधिरोपित करने की राज्य सरकार की शक्ति :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा १०क : १.(सामूहिक जुर्माना अधिरोपित करने की राज्य सरकार की शक्ति : (१) यदि विहित रीति में जांच करने के पश्चात, राज्य सरकार का यह समाधान हो जाता है कि किसी क्षेत्र के निवासी इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय…

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Pcr act धारा १० : अपराध का दुष्प्रेरण :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा १० : अपराध का दुष्प्रेरण : जो कोई इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध का दुष्प्रेरण करेगा, वह उस अपराध के लिए उपबन्धित दण्ड से दण्डनीय होगा। १.(स्पष्टीकरण : लोक सेवक के बारे में, जो इस अधिनियम के अधीन…

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Pcr act धारा ९ : सरकार द्वारा किए गए अनुदानों का पुनर्ग्रहण या निलम्बन :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ९ : सरकार द्वारा किए गए अनुदानों का पुनर्ग्रहण या निलम्बन : जहां कि किसी ऐसे लोक पूजा-स्थान १.(या किसी शिक्षा संस्थान या छात्रावास) का प्रबन्धक या न्याय जिसे सरकार से भूमि या धन का अनुदान प्राप्त हो, इस…

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Pcr act धारा ८ : कुछ दशाओं में अनुज्ञप्तियों का रद्द या निलम्बित किया जाना :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ८ : कुछ दशाओं में अनुज्ञप्तियों का रद्द या निलम्बित किया जाना : जबकि वह व्यक्ति, जो धारा ६ के अधीन किसी अपराध का दोषसिद्ध हो, किसी ऐसी वृत्ति, व्यापार, आजीविका या नियोजन के बारे में जिसके सम्बन्ध में…

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Pcr act धारा ७क : १.(विधिविरुद्ध अनिवार्य श्रम कब अस्पृश्यता का आचरण समझा जाएगा :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ७क : १.(विधिविरुद्ध अनिवार्य श्रम कब अस्पृश्यता का आचरण समझा जाएगा : (१) जो कोई किसी व्यक्ति को सफाई करने या बुहारने या कोई पशु शव हटाने या किसी पशु की खाल खींचने या नाल काटने या इसी प्रकार…

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Pcr act धारा ७ : अस्पृश्यता उद्भूत अन्य अपराधों के लिए दण्ड :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ७ : अस्पृश्यता उद्भूत अन्य अपराधों के लिए दण्ड : (१) जो कोई - (a)(क) किसी व्यक्ति को संविधान के अनुच्छेद १७ के अधीन अस्पृश्यता के अन्त होने से उसको प्रोद्भूत होने वाले किसी अधिकार का प्रयोग करने से…

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Pcr act धारा ६ : माल बेचने या सेवा करने से इन्कार के लिए दण्ड :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ६ : माल बेचने या सेवा करने से इन्कार के लिए दण्ड : जो कोई उसी समय और स्थान पर और वैसे ही निबन्धनों और शर्तों पर, जिन पर कारबार के साधारण अनुक्रम में अन्य व्यक्तियों को ऐसा माल…

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Pcr act धारा ५ : अस्पतालों, आदि में व्यक्तियों को प्रवेश करने देने से इन्कार करने के लिए दण्ड :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५ धारा ५ : अस्पतालों, आदि में व्यक्तियों को प्रवेश करने देने से इन्कार करने के लिए दण्ड : जो कोई अस्पृश्यता के आधार पर- (a)(क) किसी व्यक्ति को किसी अस्पताल, शिक्षा-संस्था, या १.(***) किसी छात्रवास में, यदि वह अस्पताल, औषधालय,…

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