Ipc धारा १०१ : कब ऐसे अधिकार (शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा) का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है :

भारतीय दण्ड संहिता १८६० धारा १०१ : कब ऐसे अधिकार (शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा) का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है : (See section 39 of BNS 2023) यदि अपराध पूर्वगामी (इससे पहले) अंतिम धारा में प्रगणित भांतियों…

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