Bsa धारा ३४ : द्वितीय वाद या विचारण के वारणार्थ (वर्जन योग्य) पूर्व निर्णय सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ न्यायालयों के निर्णय कब सुसंगत है : धारा ३४ : द्वितीय वाद या विचारण के वारणार्थ (वर्जन योग्य) पूर्व निर्णय सुसंगत है : किसी ऐसे निर्णय, आदेश या डिक्री का अस्तित्व, जो किसी न्यायालय को किसी वाद के संज्ञान से या…

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Bsa धारा ३२ : विधि की पुस्तकों में अंतर्विष्ट किसी विधि के कथनों की सुसंगति जिसके अंतर्गत इलैक्ट्रानिक या डिजिटल प्ररुप भी है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ३२ : विधि की पुस्तकों में अंतर्विष्ट किसी विधि के कथनों की सुसंगति जिसके अंतर्गत इलैक्ट्रानिक या डिजिटल प्ररुप भी है : जबकि न्यायालय को किसी देश की विधि के बारे में राय बनानी है, तब ऐसी विधि का कोई…

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Bsa धारा ३१ : किन्हीं अधिनियमों या अधिसूचनाओं में अंतर्विष्ट लोक प्रकृति के तथ्य के बारे में कथन की सुसंगति :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ३१ : किन्हीं अधिनियमों या अधिसूचनाओं में अंतर्विष्ट लोक प्रकृति के तथ्य के बारे में कथन की सुसंगति : जबकि न्यायालय को किसी लोक प्रकृति के तथ्य के अस्तित्व के बारे में राय बनानी है तब किसी केन्द्रीय अधिनियम, राज्य…

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Bsa धारा ३० : मानचित्रों, चार्टों और रेखांको के कथनों की सुसंगति :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा ३० : मानचित्रों, चार्टों और रेखांको के कथनों की सुसंगति : विवाद्यक तथ्यों या सुसंगत तथ्यों के वे कथन, जो प्रकाशित मानचित्रों या चार्टों में, जो लोक विक्रय के लिए साधारणत: प्रस्थापित किए जाते है, अथवा केन्द्रीय सरकार या किसी…

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Bsa धारा २९ : कर्तव्य पालन में की गई लोक अभिलेख या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख की प्रविष्टियों की सुसंगति :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २९ : कर्तव्य पालन में की गई लोक अभिलेख या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख की प्रविष्टियों की सुसंगति : किसी लोक या अन्य राजकिय पुस्तक, रजिस्टर या अभिलेख या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख में की गई प्रविष्टि, जो किसी विवाद्यक या सुसंगत तथ्य का…

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Bsa धारा २८ : लेखा पुस्तकों की प्रविष्टियां कब सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ विशेष परिस्थितियों में किए गए कथन : धारा २८ : लेखा पुस्तकों की प्रविष्टियां कब सुसंगत है : कारबार में अनुक्रम में नियमित रुप से रखी गई लेखा पुस्तकों की प्रविष्टियां, जिनके अंतर्गत वे भी है, जो इलेक्ट्रॉनिक रुप में रखी…

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Bsa धारा २७ : किसी साक्ष्य में कथित तथ्यों की सत्यता को पश्चात्वर्ती कार्यवाही में साबित करने के लिए उस साक्ष्य की सुसंगति :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २७ : किसी साक्ष्य में कथित तथ्यों की सत्यता को पश्चात्वर्ती कार्यवाही में साबित करने के लिए उस साक्ष्य की सुसंगति : वह साक्ष्य, जो किसी साक्षी ने किसी न्यायिक कार्यवाही में, या विधि द्वारा उसे लेने के लिए प्राधिकृत…

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Bsa धारा २६ : वे दशाएँ जिनमें उस व्यक्ति द्वारा सुसंगत तथ्य का किया गया कथन सुसंगत है, जो मर गया है या मिल नहीं सकता, इत्यादि :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ उन व्यक्तियों के कथन, जिन्हें साक्षी के रुप में बुलाया नहीं जात सकता : धारा २६ : वे दशाएँ जिनमें उस व्यक्ति द्वारा सुसंगत तथ्य का किया गया कथन सुसंगत है, जो मर गया है या मिल नहीं सकता, इत्यादि :…

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Bsa धारा २५ : स्वीकृतियाँ निश्चायक सबूत नहीं है, किन्तु विवंध (स्तंभित करना ) कर सकती है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २५ : स्वीकृतियाँ निश्चायक सबूत नहीं है, किन्तु विवंध (स्तंभित करना ) कर सकती है : स्वीकृतियाँ, स्वीकृत विषयों का निश्चायक सबूत नहीं है, किन्तु एतस्मिन् पश्चात् अंतर्विष्ट उपबंधों के अधीन विवंध रुप में प्रवर्तित हो सकेंगे ।

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Bsa धारा २४ : साबित संस्वीकृति को, जो उसे करने वाले व्यक्ति तथा एक ही अपराध के लिए संयुक्त रुप से विचरित अन्य को प्रभावित करती है विचार में लेना :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा २४ : साबित संस्वीकृति को, जो उसे करने वाले व्यक्ति तथा एक ही अपराध के लिए संयुक्त रुप से विचरित अन्य को प्रभावित करती है विचार में लेना : जबकि एक से अधिक व्यक्ति एक ही अपराध के लिए संयुक्त…

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