Bsa धारा १७० : निरसन और व्यावृत्ति :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १७० : निरसन और व्यावृत्ति : १) भारतीय साक्ष्य अधिनियम १८७२ निरसित किया जाता है । २) ऐसे निरसन के होते हुए भी, यदि उस तारीख से तत्काल पूर्व, जिसको यह अधिनियम प्रवृत्त होता है, , कोई विचारण, आवेदन, जाँच,…

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Bsa धारा १६९ : साक्ष्य के अनुचित ग्रहण या अग्रहण के लिए नवीन विचारण नहीं होगा :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ अध्याय ११ : साक्ष्य के अनुचित ग्रहण और अग्रहण के विषय में : धारा १६९ : साक्ष्य के अनुचित ग्रहण या अग्रहण के लिए नवीन विचारण नहीं होगा : साक्ष्य का अनुचित ग्रहण या अग्रहण स्वयंमेव किसी भी मामलें में नवीन…

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Bsa धारा १६८ : प्रश्न करने या पेश करने का आदेश देने की न्यायाधीश की शक्ति :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १६८ : प्रश्न करने या पेश करने का आदेश देने की न्यायाधीश की शक्ति : न्यायाधीश सुसंगत तथ्यों का पता चलाने के लिए या उनका सबूत अभिप्राप्त करने के लिए, किसी भी रुप में किसी भी समय किसी भी साक्षी…

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Bsa धारा १६७ : सूचना पाने पर जिस दस्तावेज के पेश करने से इंकार कर दिया गया है, उसको साक्ष्य के रुप में उपयोग में लाना :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १६७ : सूचना पाने पर जिस दस्तावेज के पेश करने से इंकार कर दिया गया है, उसको साक्ष्य के रुप में उपयोग में लाना : जबकि कोई पक्षकार ऐसी किसी दस्तावेज को पेश करने से इंकार कर देता है, जिसे…

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Bsa धारा १६६ : मंगाई गई और सूचना पर पेश की गई दस्तावेज का साक्ष्य के रुप में दिया जाना :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १६६ : मंगाई गई और सूचना पर पेश की गई दस्तावेज का साक्ष्य के रुप में दिया जाना : जबकि कोई पक्षकार किसी दस्तावेज को, जिसे पेश करने की उसने दूसरे पक्षकार को सूचना दी है, मंगाता है और ऐसी…

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Bsa धारा १६५ : दस्तावेजों को पेश किया जाना :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १६५ : दस्तावेजों को पेश किया जाना : १) किसी दस्तावेज को पेश करने के लिए समनित साक्षी, यदि वह उसके कब्जे में और शक्यधीन हो, ऐसे किसी आक्षेप के होने पर भी, जो उसे पेश करने या उसकी ग्राह्यता…

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Bsa धारा १६४ : स्मृति ताजी करने के लिए प्रयुक्त लेख के बारे में प्रतिसाक्षी का अधिकार :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १६४ : स्मृति ताजी करने के लिए प्रयुक्त लेख के बारे में प्रतिसाक्षी का अधिकार : पूर्ववर्ती अन्तिम दो धाराओं के उपबंधों के अधीन देखा गया कोई लेख पेश करना और प्रतिपक्षी को दिखान होगा, यदि वह उसकी अपेक्षा करे…

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Bsa धारा १६३ : धारा १६२ में वर्णित दस्तावेज में कथित तथ्यों के लिए परिसाक्ष्य :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १६३ : धारा १६२ में वर्णित दस्तावेज में कथित तथ्यों के लिए परिसाक्ष्य : कोई साक्षी किसी ऐसी दस्तावेज में, जैसी धारा १६२ में वर्णित है, वर्णित तथ्यों का भी, चाहे उसे स्वयं उन तथ्यों का विनिर्दिष्ट स्मरण नहीं हो,…

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Bsa धारा १६२ : स्मृति ताजी करना :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १६२ : स्मृति ताजी करना : १) कोई साक्षी जबकि वह परीक्षा के अधीन है, किसी ऐसे लेख को देख करके, जो कि स्वयं उसने उस संव्यवहार के समय जिसके संबंध में उससे प्रश्न किया जा रहा है, या इतने…

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Bsa धारा १६१ : साबित कथन के बारे में, जो कथन धारा २६ या २७ के अधीन सुसंगत है, कौन-सी बातें साबित की जा सकेगी :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १६१ : साबित कथन के बारे में, जो कथन धारा २६ या २७ के अधीन सुसंगत है, कौन-सी बातें साबित की जा सकेगी : जब कभी कोई कथन, जो धारा २६ या २७ के अधीन सुसंगत है, साबित कर दिया…

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Bsa धारा १६० : उस तथ्य के बारे में पश्चातवर्ती अभिसाक्ष्य की सम्पुष्टि करने के लिए साक्षी के पूर्वतन कथन साबित किए जा सकेंगे :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १६० : उस तथ्य के बारे में पश्चातवर्ती अभिसाक्ष्य की सम्पुष्टि करने के लिए साक्षी के पूर्वतन कथन साबित किए जा सकेंगे : किसी साक्षी के परिसाक्ष्य की सम्पुष्टि करने के लिए ऐसे साक्षी द्वारा उसी तथ्य से संबंधित, उस…

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Bsa धारा १५९ : सुसंगत तथ्य के साक्ष्य की सम्पुष्टि करने की प्रवृत्ति रखने वाले प्रश्न ग्राह्य होंगे :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १५९ : सुसंगत तथ्य के साक्ष्य की सम्पुष्टि करने की प्रवृत्ति रखने वाले प्रश्न ग्राह्य होंगे : जबकि कोई साक्षी, जिसकी संपुष्टि करना आशयित हो, किसी सुसंगत तथ्य का साक्ष्य देता है, तब उससे ऐसी अन्य किन्हीं भी परिस्थितियों के…

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Bsa धारा १५८ : साक्षी की विश्वसनीयता पर अधिक्षेप :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १५८ : साक्षी की विश्वसनीयता पर अधिक्षेप : किसी साक्षी की विश्वसनीयता पर प्रतिपक्षी द्वारा, या न्यायालय की सम्मति से उस पक्षकार द्वारा, जिसने उसे बुलाया है, निम्नलिखित प्रकारों से अधिक्षेप किया जा सकेगा :- (a) क) उन व्यक्तियों के…

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Bsa धारा १५७ : पक्षकार द्वारा अपने ही साक्षी से प्रश्न :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १५७ : पक्षकार द्वारा अपने ही साक्षी से प्रश्न : १) न्यायालय उस व्यक्ति को, जो साक्षी को बुलाता है, उस साक्षी से ऐसे प्रश्न करने की अपने विवेकानुसार अनुमा दे सकेगा, जो प्रतिपक्षी द्वारा प्रतिपरिक्षा में किए जा सकते…

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Bsa धारा १५६ : सत्यवादिता परखने के प्रश्नों के उत्तरों का खण्डन करने के लिए साक्ष्य का अपवर्जन :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १५६ : सत्यवादिता परखने के प्रश्नों के उत्तरों का खण्डन करने के लिए साक्ष्य का अपवर्जन : जबकि किसी साक्षी से ऐसा कोई प्रश्न पूछा गया हो, जो जाँच से केवल वहीं तक सुसंगत है जहाँ तक कि वह उसके…

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Bsa धारा १५५ : अपमानित या क्षुब्ध (परेशानी से प्रभावित) करने के लिए आशयित प्रश्न :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १५५ : अपमानित या क्षुब्ध (परेशानी से प्रभावित) करने के लिए आशयित प्रश्न : न्यायालय ऐसे प्रश्न का निषेध करेगा, जो उसे ऐसा प्रतीत होता है कि वह अपमानिक या क्षुब्ध करने के लिए आशयित है, या जो यद्यपि स्वयं…

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Bsa धारा १५४ : अशिष्ट और कलंकात्मक प्रश्न :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १५४ : अशिष्ट और कलंकात्मक प्रश्न : न्यायालय किन्हीं प्रश्नों का या पूछताछों का, जिन्हें वह अशिष्ट या कलंकात्मक समझता है, चाहे ऐसे प्रश्न या जांच न्यायालय के समक्ष प्रश्नों को कुछ प्रभावित करने की प्रवृत्ति रखते हों, निषेध कर…

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Bsa धारा १५३ : युक्तियुक्त आधारों के बिना प्रश्न पूछे जाने की अवस्था में न्यायालय की प्रक्रिया :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १५३ : युक्तियुक्त आधारों के बिना प्रश्न पूछे जाने की अवस्था में न्यायालय की प्रक्रिया : यदि न्यायालय की यह राय हो कि ऐसा कोई प्रश्न युक्तियुक्त आधारों के बिना पूछा गया था, तो यदि वह किसी अधिवक्ता द्वारा पुछा…

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Bsa धारा १५२ : युक्तियुक्त आधारों के बिना प्रश्न न पूछा जाएगा :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १५२ : युक्तियुक्त आधारों के बिना प्रश्न न पूछा जाएगा : कोई भी ऐसा प्रश्न, जैसा की धारा १५१ में निर्दिष्ट है, नहीं पूछा जाना चाहिए, जब तक कि पूछने वाले व्यक्ति के पास यह सोचने के लिए युक्तियुक्त आधार…

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Bsa धारा १५१ : न्यायालय विनिश्चित करेगा कि कब प्रश्न पूछा जाएगा और साक्षी को उत्तर देने के लिए कब विवश किया जाएगा :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ धारा १५१ : न्यायालय विनिश्चित करेगा कि कब प्रश्न पूछा जाएगा और साक्षी को उत्तर देने के लिए कब विवश किया जाएगा : १) यदि ऐसा कोई प्रश्न ऐसी बात से संबंधित है, जो उस बात या कार्यवाही से वहां तक…

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