Bnss धारा ४११ : मतभेद की दशा में प्रक्रिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४११ : मतभेद की दशा में प्रक्रिया : जहाँ कोई मामला न्यायाधीशों के न्यायपीठ के समक्ष सुना जाता है और ऐसे न्यायाधीश राय के बारे में समान रुप से विभाजित है वहाँ मामला धारा ४३३ द्वारा उपबंधित रीति से…

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Bnss धारा ४१० : नए दण्डादेश की पुष्टि का दो न्यायाधीशों द्वारा हस्ताक्षरित किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४१० : नए दण्डादेश की पुष्टि का दो न्यायाधीशों द्वारा हस्ताक्षरित किया जाना : इस प्रकार प्रस्तुत प्रत्येक मामले में उच्च न्यायालय द्वारा दण्डादेश का पुष्टिकरण या उसके द्वारा पारित कोई नया दण्डादेश, या आदेश, यदि ऐसे न्यायालय में…

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Bnss धारा ४०९ : दण्डादेश को पुष्ट करने या दोषसिद्ध को बातिल करने की उच्च न्यायालय की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०९ : दण्डादेश को पुष्ट करने या दोषसिद्ध को बातिल करने की उच्च न्यायालय की शक्ति : उच्च न्यायालय धारा ४०७ के अधीन प्रस्तुत किसी मामलें में - (a) क) दण्डादेश की पुष्टि कर सकता है या विधि द्वारा…

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Bnss धारा ४०८ : अतिरिक्त जाँच किये जाने के लिए या अतिरिक्त साक्ष्य लिए जाने के लिए निदेश देने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०८ : अतिरिक्त जाँच किये जाने के लिए या अतिरिक्त साक्ष्य लिए जाने के लिए निदेश देने की शक्ति : १) यदि ऐसी कार्यवाही के प्रस्तुत किए जाने पर उच्च न्यायालय यह ठीक समझता है कि दोषसिद्ध व्यक्ति को…

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Bnss धारा ४०७ : सेशन न्यायालय द्वारा मृत्यु दण्डादेश का पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय ३० : मृत्यु दण्डादेशों की पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया जाना : धारा ४०७ : सेशन न्यायालय द्वारा मृत्यु दण्डादेश का पुष्टि के लिए प्रस्तुत किया जाना : १) जब सेशन न्यायालय मृत्यु दण्डादेश देता है तब कार्यवाही उच्च…

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Bnss धारा ४०६ : सेशन न्यायालय द्वारा निष्कर्ष और दण्डादेश की प्रति जिला मजिस्ट्रेट को भेजना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०६ : सेशन न्यायालय द्वारा निष्कर्ष और दण्डादेश की प्रति जिला मजिस्ट्रेट को भेजना : ऐसे मामलों में, जिनका विचारण सेशन न्यायालय या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वार किया गया है, यथास्थिति, न्यायालय या मजिस्ट्रेट अपने निष्कर्ष और दण्डादेश की…

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Bnss धारा ४०५ : निर्णय का अनुवाद कब किया जाएगा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०५ : निर्णय का अनुवाद कब किया जाएगा : मूल निर्णय कार्यवाही के अभिलेख में फाइल किया जाएगा और जहाँ मूल निर्णय ऐसी भाषा में अभिलिखित किया गया है जो न्यायालय की भाषा से भिन्न है और यदि दोनों…

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Bnss धारा ४०४ : अभियुक्त और अन्य व्यक्तियों को निर्णय की प्रति का दिया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०४ : अभियुक्त और अन्य व्यक्तियों को निर्णय की प्रति का दिया जाना : १) जब अभियुक्त को कारावास का दण्डादेश दिया जाता है तब निर्णय के सुनाए जाने के पश्चात् निर्णय की एक प्रति उसे नि:शुल्क तुरन्त दी…

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Bnss धारा ४०३ : न्यायालय का अपने निर्णय में परिवर्तन न करना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०३ : न्यायालय का अपने निर्णय में परिवर्तन न करना : इस संहिता या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि द्वारा जैसा उपबंधित है उसके सिवाय कोई न्यायालय जब उसने किसी मामले को निपटाने के लिए अपने निर्णय या अंतिम…

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Bnss धारा ४०२ : कुछ मामलों में विशेष कारणों का अभिलिखित किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०२ : कुछ मामलों में विशेष कारणों का अभिलिखित किया जाना : जहाँ किसी मामले में न्यायालय - (a) क) किसी अभियुक्त व्यक्ति के सम्बन्ध में कार्यवाही धारा ४०१ के अधीन या अपराधी परिवीक्षा अधिनियम, १९५८ (१९५८ का २०)…

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Bnss धारा ४०१ : सदाचरण की परिवीक्षा पर या भत्र्सना के पश्चात् छोड देने का आदेश :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०१ : सदाचरण की परिवीक्षा पर या भत्र्सना के पश्चात् छोड देने का आदेश : १) जब कोई व्यक्ति जो इक्कीस वर्ष से कम आयु का नहीं है केवल जुर्माने से या सात वर्ष या उससे कम अवधि के…

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Bnss धारा ४०० : असंज्ञेय मामलों में खर्चा देने के लिए आदेश :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४०० : असंज्ञेय मामलों में खर्चा देने के लिए आदेश : १) जब कभी किसी असंज्ञेय अपराध का कोई परिवाद न्यायालय में किया जाता है तब, यदि न्यायालय अभियुक्त को दोषसिद्ध कर देता है ता, वह अभियुक्त पर अधिरोपित…

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Bnss धारा ३९९ : निराधार गिरफ्तार करवाए गए व्यक्तियों को प्रतिकर :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९९ : निराधार गिरफ्तार करवाए गए व्यक्तियों को प्रतिकर : १) जब कभी कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को पुलिस अधिकारी से गिरफ्तार कराता है, तब यदि उस मजिस्ट्रेट को, जिसके द्वारा वह मामला सुना जाता है यह प्रतीत…

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Bnss धारा ३९८ : साक्षी संरक्षण स्कीम :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९८ : साक्षी संरक्षण स्कीम : प्रत्येक राज्य सरकार, साक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए साक्षी सुरक्षा स्कीम तैयार करेगी और अधिसूचित करेगी ।

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Bnss धारा ३९७ : पीडितों का उपचार :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९७ : पीडितों का उपचार : सभी लोक या प्राइवेट अस्पताल, चाहे वे केन्द्रीय सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकायों या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा चलाए जा रहे हों, भारतीय न्याय संहिता २०२३ की धारा ६४, कलम ६५, धारा ६६,…

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Bnss धारा ३९६ : पीडित प्रतिकर योजना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९६ : पीडित प्रतिकर योजना : १) प्रत्येक राज्य सरकार, केन्द्रीय सरकार के समन्वय से, पीडित या उसके आश्रितों को, जिनको अपराध के पणिणामस्वरुप हानि या क्षति पहुँची है तथा जिन्हें पुनर्वास की आवश्यकता है, को प्रतिकर प्रदान करने…

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Bnss धारा ३९५ : प्रतिकर देने का आदेश :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९५ : प्रतिकर देने का आदेश : १) जब कोई न्यायालय जुर्माने का दण्डादेश देता है या कोई ऐसा दण्डादेश (जिसके अन्तर्गत मृत्यु दण्डादेश भी है) देता है जिसका भाग जुर्माना भी है, तब निर्णय देते समय वह न्यायालय…

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Bnss धारा ३९४ : पूर्वतन सिद्धदोष अपराधी को अपने पते की सूचना देने का आदेश :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९४ : पूर्वतन सिद्धदोष अपराधी को अपने पते की सूचना देने का आदेश : १) जब कोई व्यक्ति, जिसे भारत में किसी न्यायालय ने तीन वर्ष या उससे अधिक की अवधि के लिए कारावास से दण्डनीय किसी अपराध के…

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Bnss धारा ३९३ : निर्णय की भाषा और अन्तर्वस्तु (विषयवस्तु) :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३९३ : निर्णय की भाषा और अन्तर्वस्तु (विषयवस्तु) : १) इस संहिता द्वारा अभिव्यक्त रुप से अन्यथा उपबंधित के सिवाय, धारा ३९२ में निर्दिष्ट प्रत्येक निर्णय - (a) क) न्यायालय की भाषा में लिखा जाएगा; (b) ख) अवधारण के…

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Bnss धारा ३९२ : निर्णय :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय २९ : निर्णय : धारा ३९२ : निर्णय : १) आरंभिक अधिकारिता के दण्ड न्यायालय में होने वाले प्रत्येक विचारण में निर्णय पीठासीन अधिकारी द्वारा खुले न्यायालय में या तो विचारण के खत्म होने के पश्चात् तुरन्त या बाद…

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