Bnss धारा ४५१ : कार्यपालक मजिस्ट्रेटों द्वारा मामलों का अपने अधीनस्थ मजिस्ट्रेट के हवाले किया जाना या वापस लिया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४५१ : कार्यपालक मजिस्ट्रेटों द्वारा मामलों का अपने अधीनस्थ मजिस्ट्रेट के हवाले किया जाना या वापस लिया जाना : कोई जिला मजिस्ट्रेट या उपखण्ड मजिस्ट्रेट - (a) क) किसी ऐसी कार्यवाही को, जो उसके समक्ष आरंभ हो चुकी है,…

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Bnss धारा ४५० : न्यायिक मजिस्ट्रेटों द्वार मामलों का वापस लिया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४५० : न्यायिक मजिस्ट्रेटों द्वार मामलों का वापस लिया जाना : १) कोई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अपने अधीनस्थ किसी मजिस्ट्रेट से किसी मामले को वापर ले सकता है या किसी मामले को, जिसे उसने ऐसे मजिस्ट्रेट के हवाले किया…

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Bnss धारा ४४९ : सेशन न्यायाधीशों द्वारा मामलों और अपीलों का वापस लिया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४४९ : सेशन न्यायाधीशों द्वारा मामलों और अपीलों का वापस लिया जाना : १) सेशन न्यायाधीश अपने अधीनस्थ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से कोई मामला या अपील वापस ले सकता है या कोई मामला या अपील, जिसे उसने उसके हवाले…

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Bnss धारा ४४८ : मामलों और अपीलों को अंतरित करने की सेशन न्यायाधीश की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४४८ : मामलों और अपीलों को अंतरित करने की सेशन न्यायाधीश की शक्ति : १) जब कभी सेशन न्यायाधीश को यह प्रतीत कराया जाता है कि न्याय के उद्देश्यों के लिए यह समीचीन है कि इस उपधारा के अधीन…

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Bnss धारा ४४७ : मामलों और अपीलों को अंतरित करने की उच्च न्यायालय की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४४७ : मामलों और अपीलों को अंतरित करने की उच्च न्यायालय की शक्ति : १) जब कभी उच्च न्यायालय को यह प्रतीत कराया जाता है कि- (a) क) उसके अधीनस्थ किसी दण्ड न्यायालय में ऋजु और पक्षपात रहित जाँच…

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Bnss धारा ४४६ : मामलों और अपीलों को अंतरित करने की उच्चतम न्यायालय की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय ३३ : आपराधिक मामलों का अन्तरण : धारा ४४६ : मामलों और अपीलों को अंतरित करने की उच्चतम न्यायालय की शक्ति : १) जब कभी उच्चतम न्यायालय को यह प्रतीत कराया जाता है कि न्याय के उद्देश्यों के लिए…

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Bnss धारा ४४५ : उच्च न्यायालय के आदेश का प्रमाणित करके निचले न्यायालय को भेजा जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४४५ : उच्च न्यायालय के आदेश का प्रमाणित करके निचले न्यायालय को भेजा जाना : जब उच्च न्यायालय या सेशन न्यायाधीश द्वारा कोई मामला इस अध्याय के अधीन पुनरिक्षित किया जाता है तब वह धारा ४२९ द्वारा उपबंधित रीति…

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Bnss धारा ४४४ : पक्षकारों को सुनने का न्यायालय का विकल्प :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४४४ : पक्षकारों को सुनने का न्यायालय का विकल्प : इस संहिता में अभिव्यक्त रुप से जैसा उपबंधित है उसके सिवाय, जो न्यायालय अपनी पुनरीक्षण की शक्तियों का प्रयोग कर रहा है उसके समक्ष स्वयं या वकील द्वारा सुने…

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Bnss धारा ४४३ : उच्च न्यायालय की पुनरीक्षण के मामलों को वापर लेने या अंतरित करने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४४३ : उच्च न्यायालय की पुनरीक्षण के मामलों को वापर लेने या अंतरित करने की शक्ति : १) जब एक ही विचारण में दोषसिद्ध एक या अधिक व्यक्ति पुनरिक्षण के लिए आवेदन उच्च न्यायालय को करते है और उसी…

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Bnss धारा ४४२ : उच्च न्यायालय की पुनरिक्षण की शक्तियाँ :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४४२ : उच्च न्यायालय की पुनरिक्षण की शक्तियाँ : १) ऐसी किसी कार्यवाही के मामले में, जिसका अभिलेख उच्च न्यायालय ने स्वयं मंगवाया है या जिसकी उसे अन्यथा जानकारी हुई है, वह धाराएँ ४२७, ४३०, ४३१ और ४३२ द्वारा…

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Bnss धारा ४४१ : अपर सेशन न्यायाधीश की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४४१ : अपर सेशन न्यायाधीश की शक्ति : अपर सेशन न्यायाधीश को किसी ऐसे मामले के बारे में, जो सेशन न्यायाधीश के किसी साधारण या विशेष आदेश के द्वारा या अधीन उसे अंतरित किया जाता है, सेशन न्यायाधीश की…

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Bnss धारा ४४० : सेशन न्यायालय की पुनरीक्षण की शक्तियाँ :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४४० : सेशन न्यायालय की पुनरीक्षण की शक्तियाँ : १) ऐसी किसी कार्यवाही के मामले में जिसका अभिलेख सेशन न्यायाधीश ने स्वयं मंगवाया है, वह उन सभी या किन्हीं शक्तियाँ का प्रयोग कर सकता है जिनका प्रयोग धारा ४४२…

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Bnss धारा ४३९ : जाँच करने का आदेश देने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४३९ : जाँच करने का आदेश देने की शक्ति : किसी अभिलेख की धारा ४३८ के अधीन परीक्षा करने पर या अन्याथा उच्च नायालय या सेशन न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को निदेश दे सकता है कि वह, ऐसे किसी…

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Bnss धारा ४३८ : पुनरीक्षण की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए अभिलेख मंगाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४३८ : पुनरीक्षण की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए अभिलेख मंगाना : १) उच्च न्यायाल या कोई सेशन न्यायाधीश अपीन स्थानीय अधिकारिता के अन्दर स्थित किसी अवर (कनिष्ठ )दण्ड न्यायालय के समक्ष की किसी कार्यवाही अभिलेख को, किसी…

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Bnss धारा ४३७ : उच्च न्यायालय के विनिश्चय के अनुसार मामले का निपटारा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४३७ : उच्च न्यायालय के विनिश्चय के अनुसार मामले का निपटारा : १) जब कोई प्रश्न ऐसे निर्देशित किया जाता है तब उच्च न्यायालय उस पर ऐसा आदेश पारित करेगा जैसा वह ठिक समझे और इस आदेश की प्रतिलिपि…

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Bnss धारा ४३६ : उच्च न्यायालय को निर्देश :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय ३२ : निर्देश (संकेत / उल्लेख / संदर्भ) और पुनरिक्षण (संशोधन / सुधार / दोहराना) : धारा ४३६ : उच्च न्यायालय को निर्देश : १) जहाँ किसी न्यायालय का समाधान हो जाता है कि उसके समक्ष लंबित मामले में…

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Bnss धारा ४३५ : अपीलों का उपशमन (लुप्त होना / कमी ):

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४३५ : अपीलों का उपशमन (लुप्त होना / कमी ): १) धारा ४१८ या धारा ४१९ के अधीन प्रत्येक अन्य अपील का अभियुक्त की मृत्यु पर अंतिम रुप से उपशमन हो जाएगा । २) इस अध्याय के अधीन (जुर्माने…

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Bnss धारा ४३४ : अपील पर आदेशों और निर्णयों का अंतिम होना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४३४ : अपील पर आदेशों और निर्णयों का अंतिम होना : अपील में अपील न्यायालय द्वारा पारित निर्णय या आदेश धारा ४१८, ४१९, धारा ४२५ की उपधारा (४) या अध्याय ३२ में उपबंधित दशाओं के सिवाय अंतिम होंगे :…

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Bnss धारा ४३३ : जहाँ अपील न्यायालय के न्यायाधीश राय के बारे में समान रुप में विभाजित हों, वहाँ प्रकिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४३३ : जहाँ अपील न्यायालय के न्यायाधीश राय के बारे में समान रुप में विभाजित हों, वहाँ प्रकिया : जब इस अध्याय के अधीन अपील उच्च न्यायालय द्वारा उसके न्यायाधीशों के न्यायपीठ के समक्ष सुनी जाती है और वह…

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Bnss धारा ४३२ : अपील न्यायालय अतिरिक्त साक्ष्य ले सकेगा या उसके लिए जाने का निदेश दे सकेगा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४३२ : अपील न्यायालय अतिरिक्त साक्ष्य ले सकेगा या उसके लिए जाने का निदेश दे सकेगा : १) इस अध्याय के अधीन किसी अपील पर विचार करने में यदि अपील न्यायालय अतिरिक्त साक्ष्य आवश्यक समझता है तो वह कारणों…

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