Bnss धारा ४९१ : प्रक्रिया, जब बंधपत्र समपऱ्हत कर लिया जाता है :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४९१ : प्रक्रिया, जब बंधपत्र समपऱ्हत कर लिया जाता है : १) जहाँ- (a) क) इस संहिता के अधीन कोई बंधपत्र किसी न्यायालय के समक्ष हाजिर होने या संपत्ति पेश करने के लिए है और उस न्यायालय या किसी…

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Bnss धारा ४९० : मुचलके (प्रतिज्ञापत्र) के बजाय निक्षेप (अमानत /जमा ) :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४९० : मुचलके (प्रतिज्ञापत्र) के बजाय निक्षेप (अमानत /जमा ) : जब किसी व्यक्ति से किसी न्यायालय या अधिकारी द्वारा बन्धपत्र या जामानतपत्र निष्पादित करने की अपेक्षा की जाती है तब वह न्यायालय या अधिकारी, उस दशा में जब…

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Bnss धारा ४८९ : प्रतिभुओं का उन्मोचन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४८९ : प्रतिभुओं का उन्मोचन : १) जमानत पर छोडे गए व्यक्ति की हाजिरी और उपस्थिति के लिए प्रतिभुओं में से सब या कोई बंधपत्र के या पूर्णतया या वहाँ तक, जहाँ तक वह आवेदकों से संबंधित है, प्रभावोन्मुक्त…

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Bnss धारा ४८८ : जब पहले ली गई जमानत अपर्याप्त है तब पर्याप्त जमानत के लिए आदेश देने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४८८ : जब पहले ली गई जमानत अपर्याप्त है तब पर्याप्त जमानत के लिए आदेश देने की शक्ति : यदि भूल या कपट के कारण या अन्यथा अपर्याप्त प्रतिभू स्वीकार कर लिए गए है अथवा यदि वे बाद में…

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Bnss धारा ४८७ : अभिरक्षा से उन्मोचन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४८७ : अभिरक्षा से उन्मोचन : १) ज्यों ही बन्धपत्र या जमानतपत्र निष्पादित कर दिया जाता है त्यों ही वह व्यक्ति, जिसकी हाजिरी के लिए निष्पादित किया गया है, छोड दिया जाएगा और जब वह जेल में हो तब…

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Bnss धारा ४८६ : प्रतिभुओं द्वारा घोषणा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४८६ : प्रतिभुओं द्वारा घोषणा : ऐसा प्रत्येक व्यक्ति, जो जमानत पर अभियुक्त व्यक्ति के छोडे जाने के लिए उसका प्रतिभू है, न्यायालय के समक्ष ऐसे व्यक्तियों के बारे में घोषणा करेगा, जिनके लिए उसने प्रतिभूति दी है जिसके…

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Bnss धारा ४८५ : अभियुक्त और प्रतिभुओं का बंधपत्र :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४८५ : अभियुक्त और प्रतिभुओं का बंधपत्र : १) किसी व्यक्ति के जमानत पर छोडे जाने या अपने बंधपत्र या जमानतपत्र पर छोडे जाने के पूर्व उस व्यक्ति द्वारा, इतनी धनराशि के लिए जितनी, यथास्थिति, पुलिस अधिकारी या न्यायालय…

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Bnss धारा ४८४ : बंधपत्र की रकम और उसे घटाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४८४ : बंधपत्र की रकम और उसे घटाना : १) इस अध्याय के अधीन निष्पादित प्रत्येक बंधपत्र की रकम मामले की परिस्थितियों को सम्यक् ध्यान रख कर नियत की जाएगी और अत्यधिक नहीं होगी । २) उच्च न्यायालय या…

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Bnss धारा ४८३ : जमानत के बारे में उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय की विशेष शक्तियाँ :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४८३ : जमानत के बारे में उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय की विशेष शक्तियाँ : १) उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय यह निदेश दे सकता है कि - (a) क) किसी ऐसे व्यक्ति को, जिस पर किसी अपराध का…

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Bnss धारा ४८२ : गिरफ्तारी की आशंका करने वाले व्यक्ति की जमानत मंजूर करने के लिए निदेश :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४८२ : गिरफ्तारी की आशंका करने वाले व्यक्ति की जमानत मंजूर करने के लिए निदेश : १) जब किसी व्यक्ति को यह विश्वास करने का कारण है कि उसको अजमानतीय अपराध के किए जाने के अभियोग में गिरफ्तार किया…

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Bnss धारा ४८१ : अगले अपीलीय न्यायालय में अभियुक्त के उपसंजात होने की अपेक्षा करने के लिए जमानत :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४८१ : अगले अपीलीय न्यायालय में अभियुक्त के उपसंजात होने की अपेक्षा करने के लिए जमानत : १) विचारण की समाप्ति के पूर्व तथा अपील के निस्तारण के पूर्व अपराध का विचारण करने वाला यथास्थिति न्यायालय या अपीलीय न्यायालय…

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Bnss धारा ४८० : अजमानतीय अपराध की दशा में कब जमानत ली जा सकेगी :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४८० : अजमानतीय अपराध की दशा में कब जमानत ली जा सकेगी : १) जब कोई व्यक्ति, जिस पर अजमानतीय अपराध का अभियोग है या जिस पर यह संदेह है कि उसने अजमानतीय अपराध किया है, पुलिस थाने के…

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Bnss धारा ४७९ : अधिकतम अवधि जिसके लिए विचाराधीन कैदी निरुद्ध किया जा सकता है :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४७९ : अधिकतम अवधि जिसके लिए विचाराधीन कैदी निरुद्ध किया जा सकता है : १) जहाँ कोई व्यक्ति, किसी विधि के अधीन किसी अपराध के (जो ऐसा अपराध नहीं है जिसके लिए उस विधि के अधीन मृत्युदण्ड या आजीवन…

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Bnss धारा ४७८ : किन मामलों में जमानत ली जाएगी :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय ३५ : जमानत और बंधपत्रों के बारे में उपबंध : धारा ४७८ : किन मामलों में जमानत ली जाएगी : १) जब अजमानतीय अपराध के अभियुक्त व्यक्ति से भिन्न कोई व्यक्ति पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी द्वारा वारण्ट के…

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Bnss धारा ४७७ : कुछ मामलों में राज्य सरकार का केन्द्रीय सरकार से परामर्श करने के पश्चात् कार्य करना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४७७ : कुछ मामलों में राज्य सरकार का केन्द्रीय सरकार से परामर्श करने के पश्चात् कार्य करना : १) किसी दण्डादेश का परिहार करने या उसके लघुकरण के बारे में धारा ४७३ और ४७४ द्वारा राज्य सरकार को प्रदत्त…

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Bnss धारा ४७६ : मृत्यु दण्डादेशों की दशा में केन्द्रीय सरकार की समवर्ती शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४७६ : मृत्यु दण्डादेशों की दशा में केन्द्रीय सरकार की समवर्ती शक्ति : धारा ४७३ और ४७४ द्वारा राज्य सरकार को प्रदत्त शक्तियाँ मृत्यु दण्डादेशों की दशा में केन्द्रीय सरकार द्वारा भी प्रयुक्त की जा सकती है ।

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Bnss धारा ४७५ : कुछ मामलों में छूट या लघुकरण की शक्तियों पर निर्बंधन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४७५ : कुछ मामलों में छूट या लघुकरण की शक्तियों पर निर्बंधन : धारा ४७३ में किसी बात के होते हुए भी, जहाँ किसी व्यक्ति को ऐसे अपराध के लिए, जिसके लिए मृत्यु दण्ड विधि द्वारा उपबंधित दण्डों में…

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Bnss धारा ४७४ : दण्डादेश के लघुकरण की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४७४ : दण्डादेश के लघुकरण की शक्ति : समुचित सरकार दण्डादिष्ट व्यक्ति की सम्मति के बिना - (a) क) मृत्यु दण्डादेश को आजीवन कारावास के रुप में लघुकरण कर सकती है; (b) ख) आजीवन कारावास के दण्डादेश का, सात…

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Bnss धारा ४७३ : दण्डादेशों का निलम्बन या परिहार करने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ४७३ : दण्डादेशों का निलम्बन या परिहार करने की शक्ति : १) जब किसी व्यक्ती को किसी अपराध के लिए दण्डादेश दिया जाता है तब समुचित सरकार किसी समय, शर्तों के बिना या ऐसी शर्तों पर जिन्हें दण्डादिष्ट व्यक्ति…

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Bnss धारा ४७२ : मृत्यु दंडादेश मामलों में दया याचिका :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ (E) ङ - दंडादेश का निलंबन, परिहार और लघुकरण : धारा ४७२ : मृत्यु दंडादेश मामलों में दया याचिका : १) मृत्यु दंडादेश के अधीन सिद्धदोष ठहराए गए किसी व्यक्ति या उसका विधिक उत्तराधिकारी या कोई अन्य संबंधी, यदि उसने…

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