Bnss धारा २९१ : पारस्परिक (आपसी) संतोषप्रद निपटारे के लिए मार्गदर्र्शी सिद्धांत :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २९१ : पारस्परिक (आपसी) संतोषप्रद निपटारे के लिए मार्गदर्र्शी सिद्धांत : धारा २९० की उपधारा (४) के खंड (a) (क) के अधीन पारस्परिक संतोषप्रद निपटारे के लिए, न्यायालय निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएगा,अर्थात- (a) क) पुलिस रिपोर्ट पर संस्थित किसी मामले…

Continue ReadingBnss धारा २९१ : पारस्परिक (आपसी) संतोषप्रद निपटारे के लिए मार्गदर्र्शी सिद्धांत :

Bnss धारा २९० : सौदा अभिवाक् के लिए आवेदन :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २९० : सौदा अभिवाक् के लिए आवेदन : १) किसी अपराध का अभियुक्त व्यक्ति, आरोप की विरचना किए जाने की तारीख से तीस दिवस की अवधि के भीतर व्यक्ति, सौदा अभिवाक् के लिए उस न्यायालय में आवेदन फाइल कर…

Continue ReadingBnss धारा २९० : सौदा अभिवाक् के लिए आवेदन :

Bnss धारा २८९ : अध्याय का लागू होना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय २३ : सौदा अभिवाक् : धारा २८९ : अध्याय का लागू होना : १) यह अध्याय ऐसे अभियुक्त के संबंध में लागू होगा जिसके विरुद्ध - (a) क) पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी द्वारा धारा १९३ के अधीन यह…

Continue ReadingBnss धारा २८९ : अध्याय का लागू होना :

Bnss धारा २८८ : अभिलेख और निर्णय की भाषा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २८८ : अभिलेख और निर्णय की भाषा : १) ऐसा प्रत्येक अभिलेख और निर्णय न्यायालय की भाषा में लिखा जाएगा । २) उच्च न्यायालय संक्षेपत: विचारण करने के लिए सशक्त किए गए किसी मजिस्ट्रेट को प्राधिकृत कर सकता है…

Continue ReadingBnss धारा २८८ : अभिलेख और निर्णय की भाषा :

Bnss धारा २८७ : संक्षेपत: विचारित मामलों में निर्णय :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २८७ : संक्षेपत: विचारित मामलों में निर्णय : संक्षेपत: विचारित प्रत्येक ऐसे मामलें में, जिसमें अभियुक्त दोषी होने का अभिवचन नहीं करता है, मजिस्ट्रेट साक्ष्य का सारांश और निष्कर्ष के कारणों का संक्षिप्त कथन देते हुए निर्णय अभिलिखित करेगा…

Continue ReadingBnss धारा २८७ : संक्षेपत: विचारित मामलों में निर्णय :

Bnss धारा २८६ : संक्षिप्त विचारणों में अभिलेख :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २८६ : संक्षिप्त विचारणों में अभिलेख : सक्षेपत: विचारित प्रत्येक मामले में मजिस्ट्रेट ऐसे प्ररुप में, जैसा राज्य सरकार निर्दिष्ट करे, निम्नलिखित विशिष्टियाँ प्रविष्ट करेगा, अर्थात् :- (a) क) मामले का क्रम संख्यांक ; (b) ख) अपराध किए जाने…

Continue ReadingBnss धारा २८६ : संक्षिप्त विचारणों में अभिलेख :

Bnss धारा २८५ : संक्षिप्त विचारण की प्रक्रिया :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २८५ : संक्षिप्त विचारण की प्रक्रिया : १) इस अध्याय के अधीन विचारणों में इसके पश्चात् इसमें जैसा वर्णित है उसके सिवाय, इस संहिता में समन-मामलों के विचारण के लिए विनिर्दिष्ट प्रक्रिया का अनुसरण किया जाएगा । २) तीन…

Continue ReadingBnss धारा २८५ : संक्षिप्त विचारण की प्रक्रिया :

Bnss धारा २८४ : द्वितीय वर्ग के मजिस्ट्रेटों द्वारा संक्षिप्त विचारण :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २८४ : द्वितीय वर्ग के मजिस्ट्रेटों द्वारा संक्षिप्त विचारण : उच्च न्यायालय किसी ऐसे मजिस्ट्रेट को, जिसमें द्वितिय वर्ग मजिस्ट्रेट की शक्तियाँ निहित है, किसी ऐसे अपराध का, जो केवल जुर्माने से या जुमाने सहित या रहित छह माह…

Continue ReadingBnss धारा २८४ : द्वितीय वर्ग के मजिस्ट्रेटों द्वारा संक्षिप्त विचारण :

Bnss धारा २८३ : संक्षिप्त विचारण करने कि शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय २२ : संक्षिप्त विचारण : धारा २८३ : संक्षिप्त विचारण करने कि शक्ति : १) इस संहिता में किसी बात के होते हुए भी यदी :- (a) क) कोई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ; (b) ख) कोई प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट,…

Continue ReadingBnss धारा २८३ : संक्षिप्त विचारण करने कि शक्ति :

Bnss धारा २८२ : समन -मामलों को वारण्ट मामलों में संपरिवर्तित करने की न्यायालय की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २८२ : समन -मामलों को वारण्ट मामलों में संपरिवर्तित करने की न्यायालय की शक्ति : जब किसी ऐसे अपराध से संबंधित समन-मामले के विचारण के दौरान जो छह मास से अधिक अवधि के कारावास से दण्डनीय है, मजिस्ट्रेट को…

Continue ReadingBnss धारा २८२ : समन -मामलों को वारण्ट मामलों में संपरिवर्तित करने की न्यायालय की शक्ति :

Bnss धारा २८१ : कुछ मामलों में कार्यवाही रोक देने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २८१ : कुछ मामलों में कार्यवाही रोक देने की शक्ति : परिवाद से भिन्न आधार पर संस्थित किसी समन-मामलें में कोई प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट, अथवा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की पूर्व मंजूरी से कोई अन्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ऐसे कारणों से…

Continue ReadingBnss धारा २८१ : कुछ मामलों में कार्यवाही रोक देने की शक्ति :

Bnss धारा २८० : परिवाद को वापस लेना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २८० : परिवाद को वापस लेना : यदि परिवादी किसी मामलें में इस अध्याय के अधीन अंतिम आदेश परित किए जाने के पूर्व किसी समय मजिस्ट्रेट का समाधान कर देता है कि अभियुक्त के विरुद्ध, या जहाँ एक से…

Continue ReadingBnss धारा २८० : परिवाद को वापस लेना :

Bnss धारा २७९ : परिवादी का हाजिर न होना या उसकी मृत्यु :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २७९ : परिवादी का हाजिर न होना या उसकी मृत्यु : १) यदि परिवाद पर समन जारी कर दिया गया हो और अभियुक्त की हाजिरी के लिए नियत दिन, या उसके पश्चात्वर्ती किसी दिन, जिसके लिए सुनवाई स्थगित की…

Continue ReadingBnss धारा २७९ : परिवादी का हाजिर न होना या उसकी मृत्यु :

Bnss धारा २७८ : दोषमुक्ति या दोषसिद्धि :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २७८ : दोषमुक्ति या दोषसिद्धि : १) यदि मजिस्ट्रेट धारा २७७ में निर्दिष्ट साक्ष्य और ऐसा अतिरिक्त साक्ष्य, यदि कोई हो, जो वह स्वप्रेरणा से पेश करवाए, लेने पर इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि अभियुक्त दोषी नहीं है…

Continue ReadingBnss धारा २७८ : दोषमुक्ति या दोषसिद्धि :

Bnss धारा २७७ : प्रक्रिया जब दोषसिद्ध न किया जाए :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २७७ : प्रक्रिया जब दोषसिद्ध न किया जाए : १) यदि मजिस्ट्रेट अभियुक्त को धारा २७५ या धारा २७६ के अधीन दोषसिद्ध नहीं करता है तो वह अभियाजन को सुनने के लिए और सब ऐसा साक्ष्य, जो अभियोजन के…

Continue ReadingBnss धारा २७७ : प्रक्रिया जब दोषसिद्ध न किया जाए :

Bnss धारा २७६ : छोटे मामलों में अभियुक्त की अनुपस्थिति में दोषी होने के अभिवाक् पर दोषसिद्धि :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २७६ : छोटे मामलों में अभियुक्त की अनुपस्थिति में दोषी होने के अभिवाक् पर दोषसिद्धि : १) जहाँ धारा २२९ के अधीन समन जारी किया जाता है और अभियुक्त मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर हुए बिना आरोप का दोषी होने…

Continue ReadingBnss धारा २७६ : छोटे मामलों में अभियुक्त की अनुपस्थिति में दोषी होने के अभिवाक् पर दोषसिद्धि :

Bnss धारा २७५ : दोषी हाने के अभिवाक् पर दोषसिद्ध :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २७५ : दोषी हाने के अभिवाक् पर दोषसिद्ध : यदि अभियुक्त दोषी होने का अभिवचन करता है तो मजिस्ट्रेट अभियुक्त का अभिवाक् यथासंभव उन्हीं शब्दों में लेखबद्ध करेगा जिनका अभियुक्त ने प्रयोग किया है और उसके आधार पर उसे,…

Continue ReadingBnss धारा २७५ : दोषी हाने के अभिवाक् पर दोषसिद्ध :

Bnss धारा २७४ : अभियोग का सारांश बताया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय २१ : मजिस्ट्रेट द्वारा समन-मामलों का विचारण : धारा २७४ : अभियोग का सारांश बताया जाना : जब समन मामलों में अभियुक्त मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होता है या लाया जाता है, तब उसे उस अपराध की विशिष्टियाँ बताई…

Continue ReadingBnss धारा २७४ : अभियोग का सारांश बताया जाना :

Bnss धारा २७३ : उचित कारण के बिना अभियोग के लिए प्रतिकर :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २७३ : उचित कारण के बिना अभियोग के लिए प्रतिकर : १) यदि परिवाद पर या पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को दी गई इत्तिला पर संस्थित किसी मामले में मजिस्ट्रेट के समक्ष एक या अधिक व्यक्तियों पर मजिस्ट्रेट द्वारा…

Continue ReadingBnss धारा २७३ : उचित कारण के बिना अभियोग के लिए प्रतिकर :

Bnss धारा २७२ : परिवादी की अनुपस्थिति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २७२ : परिवादी की अनुपस्थिति : जब कार्यवाही परिवाद पर संस्थित की जाती है और मामले की सुनवाई के लिए नियत किसी दिन परिवादी अनुपस्थित है और अपराध का विधिपूर्वक शमन किया जा सकता है या वह संज्ञेय अपराध…

Continue ReadingBnss धारा २७२ : परिवादी की अनुपस्थिति :