Bnss धारा ३११ : सेशन न्यायालय के समक्ष विचारण में अभिलेख :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३११ : सेशन न्यायालय के समक्ष विचारण में अभिलेख : १) सेशन न्यायालय के समक्ष सब विचारणों में प्रत्येक साक्षी का साक्ष्य, जैसे-जैसे उसकी परीक्षा होती जाती है, वैस-वैसे या तो स्वयं पीठासीन न्यायाधीश द्वारा लिखा जाएगा या खुले…

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Bnss धारा ३१० : वारण्ट-मामलों में अभिलेख :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३१० : वारण्ट-मामलों में अभिलेख : १) मजिस्ट्रेट के समक्ष विचारित सब वारण्ट-मामलों में प्रत्येक साक्षी का साक्ष्य जैसे-जैसे उसकी परीक्षा होती जाती है, वैसे-वैसे या तो स्वयं मजिस्ट्रेट द्वारा लिका जाएगा या खुले न्यायालय में उसके द्वारा बोलकर…

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Bnss धारा ३०९ : समन मामलों और जांचो में अभिलेख :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३०९ : समन मामलों और जांचो में अभिलेख : १) मजिस्ट्रेट के समक्ष विचारित सब समन-मामलों में, धारा १६४ से धारा १६७ तक की धाराओं के अधीन (जिनके अन्तर्गत ये दोनों धाराएँ भी है) सब जांचो में, और विचारण…

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Bnss धारा ३०८ : साक्ष्य का अभियुक्त की उपस्थिति में लिया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३०८ : साक्ष्य का अभियुक्त की उपस्थिति में लिया जाना : अभिव्यक्त रुप से जैसा उपबंधित है उसके सिवाय, विचारण या अन्य कार्यवाही के अनुक्रम में लिया गया सब साक्ष्य अभियुक्त के उपस्थिति में या जब उसकी व्यक्तिगत उपस्थिति…

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Bnss धारा ३०७ : न्यायालयों की भाषा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय २५ : जांचों और विचारणों में साक्ष्य : (A) क - साक्ष्य लेने और अभिलिखित करने का ढंग : धारा ३०७ : न्यायालयों की भाषा : राज्य सरकार यह अवधारित कर सकती है कि इस संहिता के प्रयोजनों के…

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Bnss धारा ३०६ : कारागार में साक्षी की परीक्षा के लिए कमीशन जारी करने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३०६ : कारागार में साक्षी की परीक्षा के लिए कमीशन जारी करने की शक्ति : कारागार में परिरुद्ध या निरुद्ध किसी व्यक्ति को साक्षी के रुप में परीक्षा के लिए धारा ३१९ के अधीन कमीशन जारी करने की न्यायालय…

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Bnss धारा ३०५ : बंदी (कैदी) का न्यायालय में अभिरक्षा में लाया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३०५ : बंदी (कैदी) का न्यायालय में अभिरक्षा में लाया जाना : धारा ३०४ के उपबंधो के अधीन रहते हुए, कारागार का भारसाधक अधिकारी, धारा ३०२ की उपधारा (१) के अधीन दिए गए और जहाँ आवश्यक है, वहाँ उसकी…

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Bnss धारा ३०४ : कारागार के भारसाधक अधिकारी का कतिपय (कुछ) आकस्मिकताओं में आदेश को कार्यान्वित न करना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३०४ : कारागार के भारसाधक अधिकारी का कतिपय (कुछ) आकस्मिकताओं में आदेश को कार्यान्वित न करना : जहाँ वह व्यक्ति, जिसके बारे में धारा ३०२ के अधीन कोई आदेश दिया गया है - (a) क) बिमारी या अंग-शैथिल्य के…

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Bnss धारा ३०३ : धारा ३०२ के प्रवर्तन (क्रिया /प्रभाव) से कतिपय (कुछ) व्यक्तीयों को अपवर्जित (रोका जाना) करने की राज्य सरकार या केन्द्र सरकार की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३०३ : धारा ३०२ के प्रवर्तन (क्रिया /प्रभाव) से कतिपय (कुछ) व्यक्तीयों को अपवर्जित (रोका जाना) करने की राज्य सरकार या केन्द्र सरकार की शक्ति : १) राज्य सरकार या केन्द्रीय सरकार उपधारा (२) में विनिर्दिष्ट बातों को ध्यान…

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Bnss धारा ३०२ : बन्दियों को हाजिर कराने की अपेक्षा करने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३०२ : बन्दियों को हाजिर कराने की अपेक्षा करने की शक्ति : १) जब कभी इस संहिता के अधीन किसी जाँच, विचारण या अन्य कार्यवाही के दौरान किसी दण्ड न्यायालय को यह प्रतीत होता है कि- (a) क) कारागार…

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Bnss धारा ३०१ : परिभाषाएँ :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ अध्याय २४ : कारागारों में परिरुद्ध या निरुद्ध व्यक्तियों की हाजिरी : धारा ३०१ : परिभाषाएँ : इस अध्याय में - (a) क) निरुद्ध के अन्तर्गत निवारक निरोध के लिए उपबंध करने वाली किसी विधि के अधीन निरुद्ध भी है;…

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Bnss धारा ३०० : अध्याय का लागू न होना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा ३०० : अध्याय का लागू न होना : इस अध्याय की कोई बात, किशोर न्याय (बालकों की देख-रेख और संरक्षण) अधिनियम, २०१५ (२०१६ का ५६) की धारा २ में यथा परिभाषित किसी किशोर या बालक को लागू नहीं होंगी…

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Bnss धारा २९९ : अभियुक्त के कथनों का उपयोग न किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २९९ : अभियुक्त के कथनों का उपयोग न किया जाना : तत्समय प्रवृत्त किसी विधि में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, किसी अभियुक्त द्वारा धारा २९० के अधीन फाइल किए गए सौदा अभिवाक् के लिए आवेदन में…

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Bnss धारा २९८ : व्यावृत्ति (संचय / अवशेष ) :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २९८ : व्यावृत्ति (संचय / अवशेष ) : इस अध्याय के उपबंध इस संहिता के किन्हीं अन्य उपबंधों में अंतर्विष्ट उनसे असंगत किसी बात के होते हुए भी प्रभावी होंगे और ऐसे अन्य उपबंधों में किसी बात का यह…

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Bnss धारा २९७ : अभियुक्त द्वारा भोगी गई निरोध की अवधि का कारावास के दंडादेश के विरुद्ध मुजरा किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २९७ : अभियुक्त द्वारा भोगी गई निरोध की अवधि का कारावास के दंडादेश के विरुद्ध मुजरा किया जाना : इस अध्याय के अधीन अधिरोपित कारावास के दंडादेश के विरुद्ध अभियुक्त द्वारा भोगी गई निरोध की अवधि का मुजरा किए…

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Bnss धारा २९६ : सौदा अभिवाक् में न्यायालय की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २९६ : सौदा अभिवाक् में न्यायालय की शक्ति : न्यायालय के पास, इस अध्याय के अधीन अपने कृत्यों का निर्वहन करने के प्रयोजन के लिए जमानत, अपराधों का विचारण और इस संहिता के अधीन ऐसे न्यायालय में किसी मामले…

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Bnss धारा २९५ : निर्णय का अंतिम होना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २९५ : निर्णय का अंतिम होना : न्यायालय द्वारा इस धारा के अधीन दिया गया निर्णय अंतिम होगा और उससे कोई अपील (संवधान के अनुच्छेद १३६ के अधीन विशेष इजाजत याचिका और अनुच्छेद २२६ और अनुच्छेद २२७ के अधीन…

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Bnss धारा २९४ : न्यायालय का निर्णय :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २९४ : न्यायालय का निर्णय : न्यायालय, अपना निर्णय, धारा २९३ के निबंधनों के अनुसार, खुले न्यायालय में देगा और उस पर न्यायालय के पीठासीन अधिकारी के हस्ताक्षर होंगे ।

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Bnss धारा २९३ : मामले का निपटारा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २९३ : मामले का निपटारा : जहाँ धारा २९२ के अधीन मामले का कोई संतोषप्रद निपटारा तैयार किया गया है वहाँ न्यायालय मामले का निपटारा निम्नलिखित रीति से करेगा,अर्थात् - (a) क) न्यायालय, पीडित व्यक्ती को धारा २९२ के…

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Bnss धारा २९२ : पारस्पारिक (आपसी) संतोषप्रद निपटारे की रिपोर्ट का न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाना :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ धारा २९२ : पारस्पारिक (आपसी) संतोषप्रद निपटारे की रिपोर्ट का न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाना : जहाँ धारा २९१ के अधीन बैठक में, मामले को कोई संतोषप्रद निपटारा तैयार किया गया है, वहाँ न्यायालय ऐसे निपटारे की रिपोर्ट तैयार…

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