Bns 2023 धारा २८ : सम्मति, जिसके संबंध में यह ज्ञात हो कि वह भय या भ्रम के अधीन दी गई है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २८ : सम्मति, जिसके संबंध में यह ज्ञात हो कि वह भय या भ्रम के अधीन दी गई है : कोई सम्मति ऐसी सम्मति नहीं है जैसी इस संहिता की किसी धारा से आशयित है,- (a) क) यदि वह सम्मति…

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Bns 2023 धारा २७ : संरक्षक द्वारा या उसकी सम्मति से बालक या विकृत चित्त वाले व्यक्ती के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २७ : संरक्षक द्वारा या उसकी सम्मति से बालक या विकृत चित्त वाले व्यक्ती के फायदे के लिए सद्भावपूर्वक किया गया कार्य : कोई बात या कार्य, जो बारह वर्ष से कम आयु के या विकृतचित्त वाले व्यक्ति के फायदे…

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Bns 2023 धारा २६ : किसी व्यक्ती के फायदे के लिए उसके सम्मति से सद्भावपूर्वक किया गया कार्य जिसमें मृत्यू कारित करने का आशय नहीं है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २६ : किसी व्यक्ती के फायदे के लिए उसके सम्मति से सद्भावपूर्वक किया गया कार्य जिसमें मृत्यू कारित करने का आशय नहीं है : कोई बात या कार्य, जो किसी ऐसी अपहानि के कारण अपराध नहीं है, जो मृत्यू कारित…

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Bns 2023 धारा २५ : जिससे मृत्यू या घोर अपहति (गंभीर चोट) कारित करने का आशय न हो या उसकी संभाव्यता न हो उसका ज्ञान न हो, इसी सम्मति से किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २५ : जिससे मृत्यू या घोर अपहति (गंभीर चोट) कारित करने का आशय न हो या उसकी संभाव्यता न हो उसका ज्ञान न हो, इसी सम्मति से किया गया कार्य : कोई बात या कार्य, जो मृत्यू या घोर उपहति…

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Bns 2023 धारा २४ : किया गया अपराध जिसमें विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित है वह उस व्यक्ती द्वारा किया हो जो मत्तता में है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २४ : किया गया अपराध जिसमें विशेष आशय या ज्ञान का होना अपेक्षित है वह उस व्यक्ती द्वारा किया हो जो मत्तता में है : जहां कि कोई किया गया कोइ कार्य अपराध नहीं होता जब तक कि वह किसी…

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Bns 2023 धारा २३ : जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ है, ऐसे व्यक्ति का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २३ : जो अपनी इच्छा के विरुद्ध मत्तता में होने के कारण निर्णय पर पहुंचने में असमर्थ है, ऐसे व्यक्ति का कार्य : जब कोई बात, जो ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाती है, जो उसे करते समय मत्तता के कारण…

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Bns 2023 धारा २२ : विकृत चित्त व्यक्ति का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २२ : विकृत चित्त व्यक्ति का कार्य : जब कोई बात जो ऐसे व्यक्ति द्वारा की जाती है, जो उसे करते समय, चित्त-विकृति के कारण उस कार्य की प्रकृति, या यह कि जो कुछ वह कर रहा है वह दोषपूर्ण…

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Bns 2023 धारा २१ : सात वर्ष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २१ : सात वर्ष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य : जब कोई बात, जो सात वष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के ऐसे शिशु द्वारा की जाती…

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Bns 2023 धारा २० : सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा २० : सात वर्ष से कम आयु के शिशु का कार्य : जो सात वर्ष से कम आयु के शिशु द्वारा की गई कोइ बात या कोई कार्य अपराध नहीं है ।

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Bns 2023 धारा १९ : वह कार्य, जिससे अपहानि कारित होना संभाव्य है, किन्तु जो आपराधिक आशय (उद्देश) के बिना और अन्य अपहानि न हो या निवारण के लिए किया गया है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १९ : वह कार्य, जिससे अपहानि कारित होना संभाव्य है, किन्तु जो आपराधिक आशय (उद्देश) के बिना और अन्य अपहानि न हो या निवारण के लिए किया गया है : जो कोई बात, केवल इस कारण यह जानते हुए की…

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