Hma 1955 धारा २९ : व्यावृत्तियां :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ व्यावृत्तियां और निरसन : धारा २९ : व्यावृत्तियां : (१) इस अधिनियम के प्रारंभ के पूर्व हिन्दुओं के बीच, अनुष्ठापित ऐसा विवाह, जो अन्यथा विधिमान्य हो, केवल इस तथ्य के कारण, अविधिमान्य या कभी अविधिमान्य रहा हुआ न समझा जाएगा कि…

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Hma 1955 धारा २८क : डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २८क : डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन : इस अधिनियम के अधीन किसी कार्यवाही में न्यायालय द्वारा दी गई सभी डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन उसी प्रकार किया जाएगा जिस प्रकार उस न्यायालय द्वारा अपनी आरंभिक सिविल अधिकारिता के प्रयोग…

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Hma 1955 धारा २८ : १.(डिक्रियों और आदेशों की अपीलें :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २८ : १.(डिक्रियों और आदेशों की अपीलें : १) इस अधिनियम के अधीन किसी कार्यवाही में न्यायालय द्वारा दी गई सभी डिक्रियां, उपधारा (३) के उपबन्धों के अधीन रहते हुए उसी प्रकार अपीलनीय होंगी जैसे उस न्यायालय द्वारा अपनी आरम्भिक…

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Hma 1955 धारा २७ : सम्पत्ति का व्ययन :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २७ : सम्पत्ति का व्ययन : इस अधिनियम के अधीन होने वाली किसी भी कार्यवाही में, न्यायालय ऐसी सम्पत्ति के बारे में, जो विवाह के अवसर पर या उसके आसपास उपहार में दी गई हो और संयुक्ततः पति और पत्नी…

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Hma 1955 धारा २६ : अपत्यों की अभिरक्षा :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २६ : अपत्यों की अभिरक्षा : इस अधिनियम के अधीन होने वाली किसी भी कार्यवाही में न्यायालय अप्राप्तव अपत्यों की अभिरक्षा, भरण-पोषण और शिक्षा के बारे में, यथासंभव उनकी इच्छा के अनुकूल, समय-समय पर ऐसे आदेश पारित कर सकेगा और…

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Hma 1955 धारा २५ : स्थायी निर्वाहिका और भरण-पोषण :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २५ : स्थायी निर्वाहिका और भरण-पोषण : (१) इस अधिनियम के अधीन अधिकारिता का प्रयोग कर रहा कोई भी न्यायालय, डिक्री पारित करने के समय या उसके पश्चात किसी भी समय, यथास्थिति, पति या पत्नी द्वारा इस प्रयोजन से किए…

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Hma 1955 धारा २४ : वाद लम्बित रहते भरण-पोषण और कार्यवाहियों के व्यय :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २४ : वाद लम्बित रहते भरण-पोषण और कार्यवाहियों के व्यय : जहां कि इस अधिनियम के अधीन होने वाली किसी कार्यवाही में न्यायालय को यह प्रतीत हो कि, यथास्थिति, पति या पत्नी की ऐसी कोई स्वतंत्र आय नहीं है जो…

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Hma 1955 धारा २३क : १.(विवाह-विच्छेद और अन्य कार्यवाहियों में प्रत्यर्थी को अनुतोष :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २३क : १.(विवाह-विच्छेद और अन्य कार्यवाहियों में प्रत्यर्थी को अनुतोष : विवाह- विच्छेद या न्यायिक पृथक्करण या दाम्पत्य अधिकारों के प्रत्यास्थापन के लिए किसी कार्यवाही में प्रत्यर्थी अर्जीदार के जारकर्म, क्रूरता या अधित्यजन के आधार पर चाहे गए अनुतोष का…

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Hma 1955 धारा २३ : कार्यवाहियों में डिक्री :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २३ : कार्यवाहियों में डिक्री : (१) यदि इस अधिनियम के अधीन होने वाली किसी कार्यवाही में, चाहे उसमें प्रतिरक्षा में की गई हो या नहीं, न्यायालय का समाधान हो जाए कि - (a)(क) अनुतोष अनुदत्त करने के आधारों में…

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Hma 1955 धारा २२ : १.( कार्यवाहियों का बन्द कमरे में होना और उन्हें मुद्रित या प्रकाशित न किया जाना :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २२ : १.( कार्यवाहियों का बन्द कमरे में होना और उन्हें मुद्रित या प्रकाशित न किया जाना : १) इस अधिनियम के अधीन हर कार्यवाही बन्द कमरे में की जाएगी और किसी व्यक्ति के लिए ऐसी किसी कार्यवाही के सम्बन्ध…

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Hma 1955 धारा २१ग : १.(दस्तावेजी साक्ष्य :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २१ग : १.(दस्तावेजी साक्ष्य : किसी अधिनियमिति में किसी प्रतिकूल बात के होते हुए भी यह है कि इस अधिनियम के अधीन अर्जी के विचारण को किसी कार्यवाही में कोई दस्तावेज साक्ष्य में इस आधार पर अग्राह्य नहीं होगी कि…

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Hma 1955 धारा २१ख : १.(इस अधिनियम के अधीन अर्जियों के विचारण और निपटारे से सम्बन्धित विशेष उपबन्ध :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २१ख : १.(इस अधिनियम के अधीन अर्जियों के विचारण और निपटारे से सम्बन्धित विशेष उपबन्ध : १) इस अधिनियम के अधीन अर्जी का विचारण, जहां तक कि न्याय के हित से संगत रहते हुए उस विचारण के बारे से साध्य…

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Hma 1955 धारा २१क : १.(कुछ मामलों में अर्जियों को अन्तरित करने की शक्ति :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २१क : १.(कुछ मामलों में अर्जियों को अन्तरित करने की शक्ति : (१) जहां- (a)(क) इस अधिनियम के अधीन कोई अर्जी अधिकारिता रखने वाले जिला न्यायालय में विवाह के किसी पक्षकार द्वारा धारा १० के अधीन न्यायिक पृथक्करण की डिक्री…

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Hma 1955 धारा २१ : १९०८ के अधिनियम संख्यांक ५ का लागू होना :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २१ : १९०८ के अधिनियम संख्यांक ५ का लागू होना : इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट अन्य उपवन्धों के और उन नियमों के जो उच्च न्यायालय इस निमित्त बनाए, अध्यधीन यह है कि इस अधिनियम के अधीन सब कार्यवाहियां जहां तक…

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Hma 1955 धारा २० : अर्जियों की अन्तर्वस्तु और सत्यापन :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा २० : अर्जियों की अन्तर्वस्तु और सत्यापन : (१) इस धारा के अधीन उपस्थापित हर अर्जी उन तथ्यों को जिन पर अनुतोष का दावा आधारित हो इतने स्पष्ट तौर पर कथित करेगी जितना उस मामले की प्रकृति अनुज्ञात करे १.(और…

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Hma 1955 धारा १९ : १.(वह न्यायालय जिसमें अर्जी उपस्थापित की जाएगी :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ अधिकारिता और प्रक्रिया : धारा १९ : १.(वह न्यायालय जिसमें अर्जी उपस्थापित की जाएगी : इस अधिनियम के अधीन हर अर्जी उस जिला न्यायालय के समक्ष पेश की जाएगी जिसकी मामूली आरंभिक सिविल अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के अन्दर - (एक)…

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Hma 1955 धारा १८ : हिन्दू विवाह की कतिपय अन्य शर्तों के उल्लंघन के लिए दण्ड :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा १८ : हिन्दू विवाह की कतिपय अन्य शर्तों के उल्लंघन के लिए दण्ड : हर व्यक्ति जो अपना कोई ऐसा विवाह उपाप्त करेगा जो धारा ५ के खण्ड (तीन), (चार) १.(और (पाच)) में विनिर्दिष्ट शर्तों के उल्लंघन में इस अधिनियम…

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Hma 1955 धारा १७ : द्विविवाह के लिए दंड :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा १७ : द्विविवाह के लिए दंड : यदि इस अधिनियम के प्रारंभ के पश्चात दो हिन्दुओं के बीच अनुष्ठापित किसी विवाह की तारीख पर ऐसे विवाह के किसी पक्षकार का पति या पत्नी जीवित था या थी तो ऐसा विवाह…

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Hma 1955 धारा १६ : १.(शून्य और शून्यकरणीय विवाहों के अपत्यों की धर्मजता :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा १६ : १.(शून्य और शून्यकरणीय विवाहों के अपत्यों की धर्मजता : (१) इस बात के होते हुए भी कि विवाह धारा ११ के, अधीन अकृत और शून्य है, ऐसे विवाह का ऐसा अपत्य धर्मज होगा, जो विवाह के विधिमान्य होने…

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Hma 1955 धारा १५ : कब विवाह-विच्छेद प्राप्त व्यक्ति पुन:विवाह कर सकेंगे :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा १५ : कब विवाह-विच्छेद प्राप्त व्यक्ति पुन:विवाह कर सकेंगे : जब कि विवाह-विच्छेद की डिक्री द्वारा विवाह विघटित कर दिया गया हो और या तो डिक्री के विरुद्ध अपील करने का कोई अधिकार ही न हो या यदि अपील का…

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