Hma 1955 धारा १२ : शून्यकरणीय विवाह :

हिन्दू विवाह अधिनियम १९५५ धारा १२ : शून्यकरणीय विवाह : (१) कोई भी विवाह, वह इस अधिनियम के प्रारम्भ के चाहे पूर्व अनुष्ठापित हुआ हो चाहे पश्चात निम्नलिखित आधारों में से किसी पर भी शून्यकरणीय होगा और अकृतता की डिक्री द्वारा बातिल किया जा सकेगा…

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