सूचना का अधिकार अधिनियम २००५
धारा २ :
परिभाषाएं :
इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, –
(a)क) समुचित सरकार से किसी ऐसे लोक प्राधिकरण के संबंध में जो –
एक) केन्द्रीय सरकार या संघ राज्यक्षेत्र प्रशासन द्वारा स्थापित, गठित, उसके स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन या उसके द्वारा प्रत्यक्ष रुप से या अप्रत्यक्ष रुप से उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा सारभूत रुप से वित्तपोषित किया जाता है, केन्द्रीय सरकार अभिप्रेत है ;
दो) राज्य सरकार द्वारा स्थापित, गठित उसके स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन या उसके द्वारा प्रत्यक्ष रुप से या अप्रत्यक्ष रुप से उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा सारभूत रुप से वित्तपोषित किया जाता है, राज्य सरकार अभिप्रेत है;
(b)ख) केन्द्रीय सूचना आयोग से धारा १२ की उपधारा (१) के अधीन गठित केन्द्रीय सूचना आयोग अभिप्रेत है;
(c)ग) केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी से उपधारा (१) के अधीन पदाभिहित केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी अभिप्रेत है ओैर इसके अंतर्गत धारा ५ की उपधारा (२) के अधीन इस प्रकार पदाभिहित कोई केन्द्रीय सहायक लोक सूचना अधिकारी भी है;
(d)घ) मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त से धारा १२ की उपधारा (३) के अधीन नियुक्त मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त अभिप्रेत है;
(e)ङ) सक्षम प्राधिकारी से अभिप्रेत है-
एक)लोक सभा या किसी राज्य की विधान सभा की या किसी ऐसे संघ राज्यक्षेत्र की, जिसमें ऐसी सभा है, दशा में अध्यक्ष और राज्य सभा या किसी राज्य की विधान परिषद् की दशा में सभापति;
दो) उच्चतम न्यायालय की दशा में भारत का मुख्य न्यायमूर्र्ति;
तीन) किसी उच्च न्यायालय की दशा में उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायमूर्ति;
चार) संविधान द्वारा या उसके अधीन स्थापित या गठित अन्य प्रधिकरणों की दशा में, यथास्थिति, राष्ट्रपति या राज्यपाल;
पांच) संविधान के अनुच्छेद २३९ के अधीन नियुक्त प्रशासक;
(f)च) सूचना से किसी इलेक्ट्रानिक रुप में धारित अभिलेख, दस्तावेज, ज्ञापन, ई-मेल, मत, सलाह, प्रेस विज्ञप्ति, परिपत्र, आदेश, लागबुक, संविदा, रिपोर्ट, कागजपत्र, नमूने, माडल, आंकडों संबंधी सामग्री और किसी प्राइवेट निकाय से संबंधित ऐसी सूचना सहित, जिस तक तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन किसी लोक प्राधिकारी की पहुंच हो सकती है, किसी रुप में कोई सामग्री, अभिप्रेत है;
(g)छ) विहित से, यथास्थिति, समुचित सरकार या सक्षम प्राधिकारी द्वारा इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमां द्वारा विहित अभिप्रेत है;
(h)ज) लोक प्राधिकारी से,-
क) संविधान द्वारा या उसके अधीन;
ख) संसद् द्वारा बनाई गई किसी अन्य विधि द्वारा;
ग) राज्य विधान-मंडल द्वारा बनाई गई किसी अन्य विधि द्वारा;
घ) समुचित सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना या किए गए आदेश द्वारा, स्थापित या गठित कोई प्राधिकारी या निकाय या स्वायत्त सरकारी संस्था अभिप्रेत है,
और इसके अन्तर्गत,-
एक) कोई ऐसा निकाय है जो समुचित सरकार के स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन या उसके द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा सारभूत रुप से वित्तपोषित है;
दो) कोई ऐसा गैर-सरकारी संगठन है जो समुचित सरकार,
द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से उपलब्ध कराई गई निधियों द्वारा सारभूत रुप से वित्तपोषित है ।
(i)झ) अभिलेख में निम्नलिखित सम्मिलित है –
क) कोई दस्तावेज, पाण्डुलिपि और फाईल;
ख) किसी दस्तावेज की कोई माइक्रोफिल्म, माइक्रोफिशे और प्रतिकृति प्रति;
ग) ऐसी माइक्रोफिल्म में सन्निविष्ट प्रतिबिम्ब या प्रतिबिम्बों का पुनरुत्पादन (चाहे वर्धित रुप में हो या न हो) ; और
घ) किसी कम्पूटर द्वारा या किसी अन्य युक्ति द्वारा उत्पादित कोई अन्य सामग्री;
(j)ञ) सूचना का अधिकार से इस अधिनियम के अधीन पहुंच योग्य सूचना का, जो किसी लोक प्राधिकारी द्वारा या उसके नियंत्रणाधीन धारित है, अधिकार अभिप्रेत है और जिसमें निम्नलिखित का अधिकार सम्मिलित है-
एक) कृति, दस्तावेजों, अभिलेखों का निरीक्षण;
दो) दस्तावेजों या अभिलेखों के टिप्पण, उद्धरण या प्रमाणित प्रतिलिपि लेना;
तीन) सामग्री के प्रमाणित नमूने लेना;
चार) डिस्केट, फ्लापी, टेप, वीडियो कैसेट के रुप में या किसी अन्य इलैक्ट्रानिक रीति में या qप्रटआऊट के माध्यम से सूचना को, जहां ऐसी सूचना किसी कम्प्यूटर या किसी अन्य युक्ति में भण्डारित है, अभिप्राप्त करना;
(k)ट) राज्य सूचना आयोग से धारा १५ की उपधारा (१) के अधीन गठित राज्य सूचना आयोग अभिप्रेत है;
(l)ठ) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त से धारा १५ की उपधारा (३) के अधीन नियुक्त राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त अभिप्रेत है;
(m)ड) राज्य लोक सूचना अधिकारी से उपधारा (१) के अधीन पदाभिहित राज्य लोक सूचना अधिकारी अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत धारा ५ की उपधारा (२) के अधीन उस रुप में पदाभिहित राज्य सहायक लोक सूचना अधिकारी भी है;
(n)ढ) पर व्यक्ति से सूचना के लिए अनुरोध करने वाले नागरिक से भिन्न कोई व्यक्ति अभिप्रेत है, और इसके अंतर्गत कोई लोक प्राधिकारी भी है ।