घरेलू हिंसा अधिनियम २००५
अध्याय ५ :
प्रकीर्ण :
धारा ३० :
संरक्षण अधिकारियों और सेवा प्रदाताओं के सदस्यों का लोक सेवक होना :
संरक्षण अधिकारी और सेवा प्रदाताओं के सदस्य जब वे इस अधिनियम के उपबंधों में से किसी उपबन्ध या उसके अधीन बनाए गए किन्हीं नियमों या आदेशों के अनुसरण में कोई कार्य कर रहे हों या उनका कार्य करना तात्पर्यित हो, तब यह समझा जाएगा कि वे भारतीय दंड संहिता (१८६० का ४५) की धारा २१ के अर्थान्तर्गत लोक सेवक हैं।