घरेलू हिंसा अधिनियम २००५
धारा २२ :
प्रतिकर आदेश :
अन्य अनुतोष के अतिरिक्त, जो इस अधिनियम के अधीन अनुदत्त की जाएं, मजिस्ट्रेट, व्यथित व्यकि द्वारा किए गए आवेदन पर, प्रत्यर्थी को क्षतियों के लिए, जिसके अंतर्गत उस प्रत्यर्थी द्वारा की गई घरेलू हिंसा के कार्यो द्वारा मानसिक यातना और भावनात्मक कष्ट सम्मिलित हैं, प्रतिकर और नुकसानी का संदाय करने के लिए प्रत्यर्थी को निदेश देने का आदेश पारित कर सकेगा।