घरेलू हिंसा अधिनियम २००५
धारा १० :
सेवा प्रदाता :
१) ऐसे नियमों के अधीन रहते हुए जो इस निमित्त बनाए जांए, सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, १८६० (१८६० का २१) के अधीन रजिस्ट्रीकृत कोई स्वैच्छिक संगम या कंपनी अधिनियम १९५६ (१९५६ का १) के अधीन या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन रजिस्ट्रीकृत कोई कंपनी, जिसका उद्देश्य किसी विधिपूर्ण साधन द्वारा, महिलाओं के अधिकारों और हितों का संरक्षण करना है, जिसके अंतर्गत विधिक सहायता, चिकित्सीय सहायता या अन्य सहायता उपलब्ध कराना भी है, स्वयं को इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए एक सेवा प्रदाता के रुप में राज्य सरकार के पास रजिस्टर कराएगी ।
२) किसी सेवा प्रदाता के पास, जो उपधारा (१) के अधीन रजिस्ट्रीकृत है, निम्नलिखित शक्तियां होंगी –
(a)क) यदि व्यथित व्यक्ति ऐसी वांछा करता हो तो विहित प्ररुप में घरेलू हिंसा की रिपोर्ट अभिलिखित करना और उसकी एक प्रति, उस क्षेत्र में, जहां घरेलू हिंसा हुई है, अधिकारिता रखने वाले मजिस्ट्रेट और संरक्षण अधिकारी को अग्रेषित करना;
(b)ख) व्यथित व्यक्ति का चिकित्सीय परीक्षण कराना और उस संरक्षण अधिकारी और पुलिस थाने को, जिसकी स्थानीय सीमा के भीतर घरेलू हिंसा हुई है, चिकित्सीय रिपोर्ट की प्रति अग्रेषित करना;
(c)ग) यह सुनिश्चित करना कि व्यथित व्यक्ति को, यदि वह ऐसी वांछा करे तो, आश्रय गृह में आश्रय उपलब्ध कराया गया है और व्यथित व्यक्ति को, आश्रय गृह में सौंपे जाने की रिपोर्ट, उस पुलिस थाने को, जिसकी स्थानीय सीमा के भीतर घरेलू हिंसा हुई है, अग्रेषित करना ।
३) इस अधिनियम के अधीन, घरेलू हिंसा के निवारण हेतु शक्तियों के प्रयोग या कृत्यों के निर्वहन में, सद्भावपूर्वक की गई या की जाने के लिए आशयित किसी बात के लिए भी वाद, अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही, किसी सेवा प्रदाता या सेवा प्रदाता के किसी सदस्य के जो इस अधिनियम के अधीन कार्य कर रहा है या करने वाला समझा जाता है या करने के लिए तात्पर्यित है विरुद्ध नहीं होगी ।