Pcr act धारा १४ : कंपनियों द्वारा अपराध :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५
धारा १४ :
कंपनियों द्वारा अपराध :
(१) यदि इस अधिनियम के अधीन अपराध करने वाला व्यक्ति कम्पनी हो तो हर ऐसा व्यक्ति, जो अपराध किए जाने के समय उस कम्पनी के कारबार के संचालन के लिए उस कम्पनी का भारसाधक और उस कम्पनी के प्रति उत्तरदायी था, उस अपराध का दोषी समझा जाएगा और तदनुसार अपने विरुद्ध कार्यवाही किए जाने और दण्डित किए जाने का भागी होगा:
परन्तु इस धारा में अन्तर्विष्ट किसी भी बात से कोई ऐसा व्यक्ति दण्ड का भागी न होगा, यदि वह यह साबित कर दे कि अपराध उसकी जानकारी के बिना किया गया था या ऐसे अपराध का किया जाना निवारित करने के लिए उसने सब सम्यक तत्परता बरती थी।
(२) उपधारा (१) में अन्तविष्ट किसी बात के होते हुए भी, जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध कम्पनी के किसी निदेशक या प्रबंधक, सचिव या अन्य अधिकारी की सम्मत्ति से किया गया हो, वहां ऐसा निदेशक, प्रबन्धक, सचिव या अन्य अधिकारी भी उस अपराध का दोषी समझा जाएगा, और तदनुसार अपने विरुद्ध कार्यवाही किए जाने और दण्डित किए जाने का भागी होगा।
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए –
(a)(क) कम्पनी से कोई निगमित निकाय अभिप्रेत है, और इसके अन्तर्गत फर्म या व्यष्टियों का अन्य संगम भी है, तथा
(b)(ख) फर्म के सम्बन्ध में निदेशक से फर्म का भागीदार अभिप्रेत है।

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