पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम १९६०
धारा ३८क :
१.(नियमों और विनियमों का संसद् के समक्ष रखा जाना :
केन्द्रीय सरकार द्वारा या धारा १५ के अधीन गठित समिति द्वारा बनाया गया प्रत्येक नियम और बोर्ड द्वारा बनाया गया प्रत्येक विनियम बनाए जाने के पश्चात यथाशीघ्र, संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष, जब वह सत्र में हो, कुल तीस दिन की अवधि के लिए रखा जाएगा। यह अवधि एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकेगी। यदि उस सत्र के या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन, यथास्थिति, उस नियम या विनियम में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं तो तत्पश्चात वह ऐसे परिवर्तित रूप में ही प्रभावी होगा। यदि उक्त अवसान के पूर्व दोनों सदन सहमत हो जाएं कि, यथास्थिति, वह नियम या विनियम नहीं बनाया जाना चाहिए तो तत्पश्चात वह निष्प्रभाव हो जाएगा। किन्तु नियम या विनियम के ऐसे परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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१.१९८२ के अधिनियम सं० २६ की धारा १७ द्वारा अंत:स्थापित ।