पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम १९६०
धारा ३० :
कतिपय दशाओं में दोष के बारे में उपधारणा :
यदि कोई व्यक्ति धारा ११ की उपधारा (१) के खंड (ठ) के उपबन्धों के प्रतिकूल किसी बकरी, गाय या उसकी सन्तति का वध करने के अपराध से अरोपित किया गया है और यह साबित हो जाता है कि जिस समय अपराध का किया जाना अभिकथित है उस समय उस व्यक्ति के कब्जे में ऐसे किसी पशु की, जो इस धारा में निर्दिष्ट है, सिर की खाल के किसी भाग से संलग्न कोई खाल थी तो, जब तक प्रतिकूल साबित न कर दिया जाए, यह उपधारणा की जाएगी कि उस पशु का वध क्रूरता से किया गया था।