स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
धारा ५२-क :
१.( अभिगृहीत स्वापक ओषधियों और मन:प्रभावी पदार्थों का व्ययन :
२.(१) केन्द्रीय सरकार, किन्ही स्वापक ओषधियों, मन:प्रभावी पदार्थों, नियंत्रित पदार्थों या हस्तांतरणों के संबंध में, परिसंकटमय प्रकृति, चोरी के लिए अतिसंवेदनशीलता, प्रतिस्थापन, समुचित भंडारण स्थान की विषमता या किसी अन्य सुसंगत महत्व को ध्यान में रखकर, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, ऐसी स्वापक ओषधियों, मन:प्रभावी पदार्थों, नियंत्रित पदार्थों या हस्तांतरणों अथवा स्वापक ओषधियों का वर्ग, मन:प्रभावी पदार्थों का वर्ग, नियंत्रित पदार्थों का वर्ग या हस्तांतरणों का वर्ग विनिर्दिष्ट कर सकेगी, जिनका, उनके अभिग्रहण के पश्चात्, यथाशीघ्र, ऐसे अधिकारी द्वारा और ऐसी रीति में, जो सरकार, समय-समय पर, इसमें इसके पश्चात् विनिर्दिष्ट प्रक्रिया का पालन करने के पश्चात् अवधारित करे, व्ययन किया जाएगा ।)
२) जहां कोई २.(स्वापक ओषधियों, मन:प्रभावी पदार्थों, नियंत्रित पदार्थों या हस्तांतरणों) को अभिगृहीत कर लिया गया है और निकटतम पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी या धारा ५३ के अधीन सशक्त किसी अधिकारी को भेज दिया गया है, वहां उपधारा (१) में निर्दिष्ट अधिकारी ऐसी २.(स्वापक ओषधियों, मन:प्रभावी पदार्थों, नियंत्रित पदार्थों या हस्तांतरणों) की एक तालिका तैयार करेगा जिसमें उनके वर्णन, क्वालिटी, परिणाम, पैक करने के ढंग, चिन्हांकन, संख्यांक या ऐसे २.(स्वापक ओषधियों, मन:प्रभावी पदार्थों, नियंत्रित पदार्थों या हस्तांतरणों) या पैकिंग को, जिनमें वे पैक किए गए है, पहचान कराने वाली अन्य विशिष्टियां, उद्भव का देश और अन्य विशिष्टियों सें संबंधित ऐसे अन्य ब्यौरे दिए गए हों, जिन्हें उपधारा (१) में निर्दिष्ट अधिकारी, इस अधिनियम के अधीन किन्हीं कार्यवाहियों में ऐसी २.(स्वापक ओषधियों, मन:प्रभावी पदार्थों, नियंत्रित पदार्थों या हस्तांतरणों) की पहचान के लिए सुसंगत समझे और किसी मजिस्ट्रेट को निम्नलिखित प्रयोजन के लिए आवेदन करेगा, अर्थात् :-
क) ऐसे तैयार की गई तालिका का सही होना प्रमाणित करने के लिए ; या
ख) ऐसे मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में २.(ऐसी ओषधियों या पदार्थों या हस्तांतरणों) के फोटोचित्र लेने और ऐसे फोटोचित्रों का सही होना प्रमाणित करने के लिए ; या
ग) ऐसे मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में ऐसी ओषधियों या पदार्थों के प्रतिनिधि नमुने लिए जाने की अनुज्ञा देने के लिए और ऐसे लिए गए नमुनों की किसी सूची सही होना प्रमाणित करने के लिए ।
३) जहां उपधारा (२) के अधीन कोई आवेदन किया जाता है वहां ऐसा मजिस्ट्रेट यथाशक्य शीघ्र ऐसा आवेदन मंजूर करेगा ।
४) भारतीय साक्ष्य अधिनियम, १९७२ (१८७२ का १) या दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) में किसी बात के हाते हुए भी, इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध का विचारण करने वाला प्रत्येक न्यायालय उपधारा (२) के अधीन तैयार की गई और मजिस्ट्रेट द्वारा प्रमाणित तालिका, २.(स्वापक ओषधियों, मन:प्रभावी पदार्थों, नियंत्रित पदार्थों या हस्तांतरणों) के फोटोचित्रों और नमुनों की सूची को, ऐसे अपराध के संबंध में, प्राथमिक साक्ष्य मानेगा ।)
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१. १९८९ के अधिनियम सं.२ की धारा १४ द्वारा अंत:स्थापित ।
२. २०१४ के अधिनियम सं.१६ की धारा १७ द्वारा प्रतिस्थापित ।
