किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ९२ :
किसी अनुमोदित स्थान पर दीर्घकालिक चिकित्सा उपचार की अपेक्षा वाले रोग से पीडित बालक का स्थानन ।
जब किसी ऐसे बालक के बारे में, जिसे समिति या बोर्ड के समक्ष लाया गया है, यह पाया जाता है कि वह ऐसे रोग से पीडित है जिसके लिए लंबे समय तक चिकित्सीय उपचार की अपेक्षा होगी या उसे कोई शारीरिक या मानसिक व्याधि है, जो उपचार से ठीक हो जाएगी, तब, यथास्थिति, समिति या बोर्ड बालक को ऐसे समय के लिए, जिसे वह अपेक्षित उपचार के लिए आवशयक समझता है, किसी उपयुक्त सुविधातंत्र के रुप में मान्यताप्राप्त किसी स्थान पर, जो विहित किया जाए, भेज सकेगा ।