किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ८७ :
दुष्प्रेरण ।
जो कोई इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध का दुष्प्रेरण करेगा, यदि दुष्प्रेरण के परिणामस्वरुप दुष्प्रेरित कृत्य कर दिया जाता है, वह उस अपराध के लिए उपबंधित दंड से दंडित होगा ।
१.(स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए, दुष्प्रेरण का वही अर्थ होगा जो उसका भारतीय दंड संहिता १८६० (१८६० चा ४५) की धारा १०७ में है ।)
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१. २०२१ के अधिनियम सं० २३ की धारा २७ द्वांरा स्पष्टीकरण के स्थान पर प्रतिस्थापित ।