JJ act 2015 धारा ८६ : अपराधों का वर्गीकरण और अभिहित न्यायालय ।

किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ८६ :
१.(अपराधों का वर्गीकरण और अभिहित न्यायालय ।
१) जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध सात वर्ष से अधिक की अवधि के कारावास से दंडनीय है, वहां ऐसा अपराध संज्ञेय और अजमानतीय होगा ।
२) जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध ऐसे कारावास से दंडनीय है जिसकी अवधि तीन वर्ष और उससे अधिक किंतु सात वर्ष से कम है, वहां ऐसा अपराध असंज्ञेय और अजमानतीय होगा ।
३) जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध तीन वर्ष से कम अवधि के कारावास से या केवल जुर्माने से दंडनीय है, वहां ऐसा अपराध असंज्ञेय और जमानतीय होगा ।
४) दंड प्रक्रिया संहिता १९७३ (१९७४ का २) या बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम २००५ (२००६ चा ४) अथवा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम २०१२ (२०१२ का ३२) में किसी बात के होते हुए भी इस अधिनियम के अधीन अपराध बालक न्यायालय द्वारा विचारणीय होंगे ।)
—–
१. २०२१ के अधिनियम सं० २३ की धारा २६ द्वारा धारा ८६ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।

Leave a Reply