किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ८१ :
बालकों का किसी प्रयोजन के लिए विक्रय और उपापन ।
ऐसा कोई व्यक्ति, जो किसी बालक का किसी प्रयोजन के लिए विक्रय या क्रय करता है या उसे उपाप्त करता है, कठिन कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा और एक लाख रुपए के जुर्माने का भी दायी होगा :
परन्तु जहां ऐसा अपराध बालक का वास्तविक भारसाधन रखने वाले किसी व्यक्ति द्वारा, जिसके अंतर्गत किसी अस्पताल या परिचर्या गृह या प्रसुति गृह के कर्मचारी भी है, किया जाता है, वहां कारावास की अवधि तीन वर्ष से कम की नहीं होगी और सात वर्ष तक की हो सकेगी ।