किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ७९ :
किसी बाल कर्मचारी का शोषण ।
तत्समय प्रवृत्त किसी विधि में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, जो कोई किसी नियोजन के प्रयोजन के लिए बालक को दृश्यमानत: लगाएगा या उसे बंधुआ रखेगा या उसके उपार्जनों को विधारित करेगा या उसके उपार्जन को अपने स्वयं के प्रयोजन के लिए उपयोग में लाएगा, वह कठिन कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक हो सकेगी और एक लाख रुपए के जुर्माने से भी, दंडनीय होगा ।
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए नियोजन पद के अंतर्गत माल और सेवाओं का विक्रय और आर्थिक लाभ के लिए लोक स्थानों में मनोरंजन करना भी आएगा ।