JJ act 2015 धारा ७४ : बालक की पहचान के प्रकटन का प्रतिषेध ।

किशोर न्याय अधिनियम २०१५
अध्याय ९ :
बालकों के विरुद्ध अन्य अपराध :
धारा ७४ :
बालक की पहचान के प्रकटन का प्रतिषेध ।
१) किसी जांच या अन्वेषण या न्यायिक प्रक्रिया के बारे में किसी समाचारपत्र, पत्रिका या समाचार पृष्ठ या दृश्य-श्रव्य माध्यम या संचार के किसी अन्य रुप में की किसी रिपोर्ट में ऐसे नाम, पते या विद्यालय या किसी अन्य विशिष्ट को प्रकट नहीं किया जाएगा, जिससे विधि का उल्लंघन करने वाले बालक या देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक या किसी पीडित बालक या किसी अपराध के साक्षी की, जो तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन ऐसे मामले में अंतर्वलित है, पहचान हो सकती है और न ही ऐसे किसी बालक का चित्र प्रकाशित किया जाएगा :
परन्तु यथास्थिति, जांच करने वाला बोर्ड या समिति, ऐसा प्रकटन, लेखबद्ध किए जाने वाले ऐसे कारणों से तब अनुज्ञात कर सकेगी, जब उसकी राय में ऐसा प्रकटन बालक के सर्वोत्तम हित में हो ।
२) पुलिस, चरित्र प्रमाणपत्र के प्रयोजन के लिए या अन्यथा बालक के किसी अभिलेख का, १.(लंबित मामलों में या ऐसे मामलों में प्रकटन नहीं करेगी जहां कि मामला) बंद किया जा चुका हो या उसका निपटारा किया जा चुका हो ।
३) उपधारा (१) के उपबंधो का उल्रलंघन करने वाला कोई व्यक्ति ऐसे कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी या जुमाने से, जो दो लाख तक का हो सकेगा या दोनों से दंडनीय होगा ।
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१. २०२१ के अधिनियम सं० २३ की धारा २५ द्वारा ऐसे मामलों में प्रकटन नहीं करेगी जहां कि मामला शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।

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