किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ७३ :
प्राधिकरण के लेखे और संपरीक्षा ।
१) प्राधिकरण, समुचित लेखे और अन्य सुसंगत अभिलेख रखेगा और लेखाओं का वार्षिक विवरण ऐसे प्ररुप में तैयार करेगा जो केन्द्रीय सरकार द्वारा भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के परामर्श से विहित किया जाए ।
२) प्राधिकरण के लेखाओं की नियंत्रक-महालेखापरीक्षक द्वारा ऐसे अंतरालों पर संपरीक्षा की जाएगी जो उसके द्वारा विनिर्दिष्ट किए जाएं और ऐसी संपरीक्षा में कोई भी व्यय नियंत्रक-महालेखापरीक्षक को केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा संदेय होगा ।
३) नियंत्रक-महालेखापरीक्षक और उसके द्वारा नियुक्त किसी भी व्यक्ति के इस अधिनियम के अधीन प्राधिकरण के लेखाओं की संपरीक्षा के संबंध में वही अधिकार और विशेषाधिकार और प्राधिकार होंगे जो सरकारी लेखाओं की संपरीक्षा के संबंध में होते है और विशिष्टतया उसे पुस्तकों, लेखाओं, संबंधित वाऊचरों और अन्य दस्तवेजों तथा कागजपत्रों को प्रस्तुत करने की मांग करने और प्राधिकरण के किसी भी कार्यालय का निरीक्षण करने का अधिकार होगा ।
४) नियंत्रक-महालेखापरीक्षक या उसके द्वारा इस निमित्त नियुक्त किसी व्यक्ति द्वारा यथाप्रमाणित प्राधिकारी के लेखाओं को उनकी संपरीक्षा रिपोर्ट सहित प्राधिकरण द्वारा प्रतिवर्ष केन्द्रीय सरकार को अग्रेषित किया जाएगा ।
५) केन्द्रीय सरकार, संपरीक्षा रिपोर्ट को प्राप्त होने के पश्चात् यथाशीघ्र संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष रखवाएगी ।