किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ५९ :
किसी अनाथ, परित्यक्त या अभ्यर्पित बालक के अंतरदेशीय दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया ।
१) यदि कोई अनाथ या परित्यक्त या अभ्यर्पित बालक को, उस तारीख से, जब उसे दत्तक ग्रहण के लिए विधिक रुप से मुक्त घोषित किया गया है, साठ दिन के भीतर विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण और राज्य अभिकरण के संयुक्त प्रयासों के बावजूद किसी भारतीय या अनिवासी भारतीय भावी दत्तक माता-पिता के साथ नहीं रखा जा सका है तो ऐसा बालक अंतरदेशीय दत्तक ग्रहण के लिए मुक्त होगा :
परन्तु शारीरिक और मानसिक नि:शक्तता से ग्रस्त बालकों, सहोदरों और पांच वर्ष से अधिक आयु के बालकों को, ऐसे अंतरदेशीय दत्तक ग्रहण के लिए, दत्तक ग्रहण के उन विनियमों के अनुसार जो प्राधिकरण द्वारा विरचित किए जाएं, अन्य बालकों पर अधिमान दिया जा सकेगा ।
२) किसी पात्र अनिवासी भारतीय या भारत के विदेशी नागरिक या भारतीय मूल के व्यक्तियों को भारतीय बालकों के अंतरदेशीय दत्तक ग्रहण में पूर्विकता दी जाएगी ।
३) अनिवासी भारतीय या भारत के विदेशी नागरिक या भारतीय मूल के व्यक्ति या कोई विदेशी, जो विदेश में रहने वाले भावी दत्तक माता-पिता है, उनके धर्म को विचार में लाए बिना, यदि भारत से किसी अनाथ या परित्यक्त या अभ्यर्पित बालक को दत्तक में लेने के इच्छुक है, तो वे यथास्थिति, किसी प्राधिकृत विदेशी दत्तक ग्रहण अभिकरण या केन्द्रीय प्राधिकरण या आभ्यासिक निवास के उनके देश ेमं संबंधित सरकारी विभाग को प्राधिकरण द्वारा दत्तक ग्रहण विनियमों में यथा उपबंधित रीति में उसके लिए आवेदन कर सकेंगे ।
४) यथास्थिति, प्रधिकृत विदेशी दत्तक ग्रहण अभिकरण या केन्द्रीय प्राधिकरण या कोई संबंधित सरकारी विभाग ऐसे भावी दत्तक माता-पिता की गृह अध्ययन रिपोर्ट तैयार करेगा और उनके पात्र पाए जाने पर उनके आवेदन को प्राधिकरण द्वारा विरचित दत्तक ग्रहण विनियमों में यथा उपबंधित रीति में भारत से किसी बालक के दत्तक ग्रहण के लिए प्राधिकरण को प्रवर्तित कर देगा ।
५) ऐसे भावी दत्तक माता-पिता के आवेदन की प्राप्ति पर प्रधिकरण उसकी परीक्षा करेगा और यदि वह आवदनों को उपयुक्त पाता है तो वह आवेदन को किसी ऐसे एक विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण को निर्दिष्ट कर देगा, जहां दत्तक ग्रहण के लिए विधिक रुप से मुक्त बालक उपलब्ध है ।
६) विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण, ऐसे भावी दत्तक माता-पिता के साथ बालक का मिलान करेगा और ऐसे माता-पिता को बालक की बाल अध्ययन रिपोर्ट और चिकित्सा रिपोर्ट भेजेगा जो तदुपरि बालक को प्रतिगृहीत कर सकेंगे और अभिकरण को उनके द्वारा हस्ताक्षरित बाल अध्ययन और चिकित्सा रिपोर्ट वापस कर देंगे ।
७) भावी दत्तक माता-पिता से बालक के प्रतिग्रहण पत्र की प्राप्ति पर विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण दत्तक ग्रहण आदेश अभिप्राप्त करने के लिए प्राधिकरण द्वारा विरचित दत्तक ग्रहण विनियमों में यथा उपबंधित रीति में १.(जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष) आवेदन फाइल करेगा ।
८) २.(जिला मजिस्ट्रेट द्वारा परित किए गए आदेश) की प्रमाणित प्रति की प्राप्ति पर विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण उसे तुरंत प्राधिकरण, राज्य अभिकरण और भावी दत्तक माता-पिता को भेज देगा और बालक के लिए पासपोर्ट अभिप्राप्त करेगा ।
९) प्राधिकरण भारतीय आप्रवास प्रधिकारियों और बालक को लेने वाले देश को दत्तक ग्रहण की सूचना देगा ।
१०) भावी दत्तक माता-पिता बालक का पासपोर्ट आरै वीजा जारी होते ही विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण से बालक को वैयक्तिक रुप से प्राप्त करेंगे ।
११) यथास्थिति, प्राधिकृत विदेशी दत्तक ग्रहण अभिकरण या केन्द्रीय प्राधिकरण या संबंधित सरकारी विभाग दत्तक कुटुंब में बालक के बारे में प्रगति रिपोर्टों की प्रस्तुति को सुनिश्चित करेंगे और किसी भी भंग की दशा में प्रधिकरण द्वारा विरचित दत्तकग्रहण विनियमों में यथा उपबंधित रीति में प्राधिकरण और संबंधित भारतीय राजनयिक मिशन के परामर्श से अनुकल्पी प्रबंध करने के लिए उत्तरदायी होंगे ।
१२) कोई विदेशी या भारतीय मूल का कोई व्यक्ति या भारतीय विदेशी नागरिक, जो अभ्यासत: भारत में निवासी है, यदि भारत से किसी बालक का दत्तक ग्रहण करने में रुचि रखता है, तो उसके लिए भारत में उसके देश के राजनयिक मिशन से निराक्षेप प्रमाणपत्र के साथ प्राधिकरण द्वारा विरचित दत्तक ग्रहण के विनियमों में यथा उपबंधित आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए प्राधिकरण को आवेदन कर सकेगा ।
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१. २०२१ के अधिनियम सं० २३ की धारा १९ द्वारा न्यायालय में शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. २०२१ के अधिनियम सं० २३ की धारा १९ द्वारा न्यायालय के आदेश शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।