किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ५८ :
भारत में रहने वाले भावी भारतीय दत्तक माता-पिता द्वारा दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया ।
१) भारत में रहने वाले भावी भारतीय दत्तक माता-पिता, अपने धर्म को विचार में लाए बिना, यदि किसी अनाथ या परित्यक्त या अभ्यर्पित बालक को दत्तक में लेने के लिए इच्छुक है, तो वे उसके लिए प्राधिकरण द्वारा विरचित दत्तक ग्रहण विनियमों में यथा उपबंधित रीति में किसी विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण के समक्ष आवेदन कर सकेंगे ।
२) विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण, भावी दत्तक माता-पिता की गृह अध्ययन रिपोर्ट तैयार करेगा और उनको पात्र पाए जाने पर दत्तक ग्रहण के लिए विधिक रुप से मुक्त घोषित किसी बालक को बालक की बाल अध्ययन रिपोर्ट और चिकित्सा रिपोर्ट सहित प्राधिकरण द्वारा विरचित दत्तक ग्रहण विनियमों में यथा उपबंधित रीति में उनके पास भेज देगा ।
३) भावी दत्तक माता-पिता, से ऐसे माता-पिता द्वारा हस्ताक्षरित बालक की बाल अध्ययन रिपोर्ट और चिकित्सा रिपोर्ट सहित बालक के प्रतिग्रहण पत्र की प्रप्ति पर, विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण बालक को पूर्व-दत्तक ग्रहण पोषण देखरेख में देगा और दत्तक ग्रहण आदेश अभिप्राप्त करने के लिए प्राधिकरण द्वारा विरचित दत्तक ग्रहण विनियमों में उपबंधित रीति में १.(जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष) आवेदन फाइल करेगा ।
४) २.(जिला मजिस्ट्रेट द्वारा पारित किए गए आदेश) की प्रमाणित प्रति की प्राप्ति पर विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण उसे तुरन्त भावी दत्तक माता-पिता के पास भेजेगा ।
५) दत्तक कुटुंब में बालक की प्रगति और कल्याण का प्राधिकरण द्वारा विरचित दत्तक ग्रहण विनियमों में यथा उपबंधित रीति में अनुपरिक्षण और अभिनिश्चय किया जाएगा ।
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१. २०२१ के अधिनियम सं० २३ की धारा १८ द्वारा न्यायालय में शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. २०२१ के अधिनियम सं० २३ की धारा १८ द्वारा न्यायालय के आदेश शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।