JJ act 2015 धारा ३७ : देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक के बारे में पारित आदेश ।

किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ३७ :
देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक के बारे में पारित आदेश ।
१) समिति, जांच द्वारा यह समाधान हो जाने पर कि समिति के समक्ष लाए गए बालक को देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता है, १.(***) सामाजिक अन्वेषण रिपोर्ट पर विचार करके और यदि बालक विचार प्रकट करने के लिए पर्याप्त रुप से परिपक्व है तो बालक की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए, निम्नलिखित आदेशों में से एक या अधिक आदेश पारित कर सकेगी, अर्थात् :-
क) बालक को देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता होने की घोषणा;
ख) माता-पिता या संरक्षक या कुटुंब को, बालक कल्याण अधिकारी या पदाभिहित सामाजिक कार्यकर्ता के पर्यवेक्षण सहित या उसके बिना बालक का प्रत्यावर्तन;
ग) ऐसे बालकों को रखने के लिए संस्था की क्षमता को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक या अस्थायी देखरेख के लिए दत्तकग्रहण के प्रयोजन के लिए या तो इस निष्कर्ष पर पहुंचने के पश्चात कि बालक के कुटुंब का पता नहीं लगाया जा सकता है या यदि उसका पता लग भी गया है तो कुटुंब में बालक का प्रत्यावर्तन, बालक के सर्वोत्तम हित में नही है बाल गृह या उपयुक्त सुविधा तंत्र या विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण में बालक का स्थानन;
घ) दीर्घकालिक या अस्थायी देखरेख के लिए योग्य व्यक्ति के पास बालक का स्थानन;
ङ) धारा ४४ के अधीन पोषण देखरेख के आदेश;
च) धारा ४५ के अधीन प्रवर्तकता के आदेश;
छ) ऐसे व्यक्ति या संस्थाओं या सुविधा तंत्रों को, जिनकी देखरेख में बालक को, बालक की देखरेख, संरक्षण और पुनर्वास के संबंध में रखा गया है, निदेश जिनके अन्तर्गत आवश्यकता आधारित परामर्श, व्यावसायिक चिकित्सा या व्यवहार उपांतरण चिकित्सा, कौशल प्रशिक्षण, विधिक सहायता, शैक्षणिक सेवाओं और यथा अपेक्षित अन्य विकासात्मक क्रियाकलापों और जिला बालक कल्याण एकक या राज्य सरकार और अन्य अभिकरणों के साथ अनुवर्तन और समन्वय सहित तत्काल आश्रय और सेवाओं से, जैसे कि चिकित्सा देखरेख, मनोविकार चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता संबंधी निदेश भी है ;
ज) बालक की, धारा ३९ के अधीन दत्तकग्रहण के लिए विधिक रुप से मुक्त होने की घोषणा ।
२) समिति –
एक) पोषण देखरेख के लिए योग्य व्यक्ति की घोषणा का;
दोन) धारा ४६ के अधीन पश्व देखरेख सहायता प्राप्त करने के लिए ; या
तीन) किसी अन्य कृत्य के संबंध में जो विहित किया जाए कोई अन्य आदेश करने के लिए,
भी आदेश पारित कर सकेगी ।
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१. २०२१ के अधिनियम सं० २३ की धारा ११ द्वारा बालक कल्याण अधिकारी प्रस्तुत शब्दों का लोप किया गया ।

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