JJ act 2015 धारा ३६ : जांच ।

किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ३६ :
जांच ।
१) धारा ३१ के अधीन बालक को पेश किए जाने पर या रिपोर्ट की प्राप्ति पर, समिति, ऐसी रीति से जांच करेगी, जो विहित की जाए और समिति अपनी स्वयं की या धारा ३१ की उपधारा (२) में यथाविनिर्दिष्ट किसी व्यक्ति या अभिकरण से प्राप्त रिपोर्ट पर बालक को बाल गृह या आश्रय गृह या उपयुक्त सुविधा तंत्र या योग्य व्यक्ति के पास भेजने के लिए और किसी सामाजिक कार्यकर्ता या बालक कल्याण अधिकारी या बालक कल्याण पुलिस अधिकारी द्वारा शीघ्र सामाजिक अन्वेषण करने के लिए आदेश पारित कर सकेगी :
परंतु छह वर्ष से कम आयु के सभी बालकों को, जो अनाथ और अभ्यर्पित है या परित्यक्त प्रतीत होते है, विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण में, जहां कहीं उपलब्ध है, रखा जाएगा ।
२) सामाजिक अन्वेषण पंद्रह दिन के भीतर पूरा किया जाएगा जिससे समिति को, बालक को पहली बार पेश करने के चार मास के भीतर अंतिम आदेश पारित करने के लिए समर्थ बनाया जा सके :
परंतु अनाथ, परित्यक्त या अभ्यर्पित बालकों पे लिए जांच पूरी करने का समय वह होगा जो धारा ३८ में विनिर्दिष्ट किया जाए ।
३) जांच पूरी हो जाने के पश्चात्, यदि समिति की यह राय है कि उक्त बालक का कोई कुटुंब या उसका कोई दृश्यमान संभालने वाला नहीं है या उसे देखरेख या संरक्षण की लगातार आवश्यकता है तो वह तब तक बालक को, यदि बालक छह वर्ष से कम आयु का है तो विशिष्ट दत्तक ॠण अभिकरण में, बाल गृह में या उपयुक्त सुविधा तंत्र या योग्य व्यक्ति या पोषण कुटुंब के पास भेज सकेगी जब तक बालक के लिए ऐसे पुनर्वास उपयुक्त साधन नहीं मिल जाते, जो विहित किए जाएं, या जब तक बालक अठारह वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेता है :
परंतु बाल गृह में अथवा उपयुक्त सुविधा तंत्र या योग्य व्यक्ति या पोषण कुटुंब में रखे गए बालक की स्थिति का समिति द्वारा ऐसा पुनर्विलोकन किया जाएगा, जो विहित किया जाए ।
४) समिति, जिला मजिस्ट्रेट को लंबित मामलों का पुनर्विलोकन करने के लिए, ऐसी रीति में जो विहित की जाए, मामलों के निपटारे की प्रकृति पर और लंबित मामलों की तिमाही रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी ।
५) जिला मजिस्ट्रेट, उपधारा (४) के अधीन पुनर्विलोकन करने के पश्चात्, समिति को, लंबित मामलों को दूर करने के लिए आवश्यक उपचारात्मक उपाय, यदि आवश्यक हो, करने का निदेश देगा और ऐसे पुनर्विलोकन की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजेगा जो अतिरिक्त समितियों का गठन, यदि अपेक्षित हो, करवा सकेगी :
परंतु यदि, ऐसे निदेशों के प्राप्त होने के तीन मास के पश्चात् भी समिति द्वारा लंबित मामलों को पूरा करने पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो राज्य सरकार उक्त समिति को समाप्त कर देगी और नई समिति का गठन करेगी ।
६) समिति की समाप्ति के पूर्वानुमान में और इस बात को देखते हुए कि नई समिति के गठन में कोई समय नष्ट न हो, राज्य सरकार, समिति के सदस्यों के रुप में नियुक्त किए जाने वाले पात्र व्यक्तियों का एक स्थायी पैनल बनाए रखेगी ।
७) उपधारा (५) के अधीन नई समिति के गठन में हुए किसी विलंब की दशा में, पास के जिले की बालक कल्याण समिति, अंतरिम कालावधि के लिए उत्तरदायित्व ग्रहण करेगी ।

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