किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा १७ :
विधि का उल्लंघन न करते पाए गए बालक के बारे में आदेश ।
१) जहां बोर्ड का जांच करने का यह समाधान हो जाता है कि उसके समक्ष लाए गए बालक ने कोई अपराध नहीं किया है तो तत्समय प्रवृत्त किसी विधि में अंतर्विष्ट किसी तत्प्रतिकूल बात के होते हुए भी बोर्ड उस प्रभाव का आदेश पारित करेगा ।
२) यदि बोर्ड को यह प्रतीत होता है कि उपधारा (१) में निर्दिष्ट बालक को देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता है तो वह बालक को समुचित निदेशों के साथ समिति को निर्दिष्ट कर सकेगा ।