सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २०००
धारा ६१ :
सिविल न्यायालय की अधिकारिता का न होना :
ऐसे किसी विषय की बाबत, जिसके संबंध में इस अधिनियम के अधीन नियुक्त कोई न्यायनिर्णायक अधिकारी या इस अधिनियम के अधीन गठित कोई १.(अपील अधिकरण) , इस अधिनियम द्वारा या उसके अधीन अवधारित करने के लिए सशक्त है, कोई वाद या कार्यवाही ग्रहण करने की किसी न्यायालय को अधिकारिता नहीं होगी और इस अधिनियम द्वारा या उसके अधीन प्रदत्त किसी शक्ति के अनुसरण में की गई या की जाने वाली किसी कार्रवाई की बाबत किसी न्यायालय या अन्य प्राधिकारी द्वारा कोई व्यादेश अनुदत्त नहीं किया जाएगा ।
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१. २०१७ के अधिनियम सं० ७ की धारा १६९ द्वारा प्रतिस्थापित ।