IT Act 2000 धारा ४७ : न्यायानिर्णायक अधिकारी द्वारा विचार की जाने वाली बातें :

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २०००
धारा ४७ :
न्यायानिर्णायक अधिकारी द्वारा विचार की जाने वाली बातें :
इस अध्याय के अधीन प्रतिकर की मात्रा का न्यायनिर्णयन करते समय, न्यायनिर्णायक अधिकारी, निम्नलिखित बातों पर सम्यक् ध्यान देगा, अर्थात्:-
(a)क)व्यतिक्रम के परिणामस्वरूप हुए अभिलाभ या अनुचित फायदे की रकम, जहां वह परिमाण निर्धारण योग्य हो;
(b)ख) व्यतिक्रम के परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति को हुई हानि की रकम;
(c)ग) व्यतिक्रम की आवृत्तीय प्रकृति ।

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