भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ७८ :
न्यायालय के निर्णय या आदेशके अनुसरण में किया गया कार्य :
(See section 16 of BNS 2023)
जो कोई बात, न्यायालय के निर्णय या आदेश के अनुसरण में की जाए या उसके द्वारा अधिदिष्ट हो, यदि वह उस निर्णय या आदेश के प्रवृत्त रहते की जाए, तो अपराध नहीं है, चाहे उस न्यायालय को ऐसा आदेश या निर्णय देने की अधिकारिता न रही हो, परन्तु यह तब, जब की वह कार्य करने वाला व्यक्ति सद्भावपूर्वक विश्वास करता हो की उस न्यायालय को वैसी अधिकारिता थी ।