भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ५७ :
दण्डावधियो की भिन्नें (सजा के मोमलें के भाग / अवधि ) :
(See section 6 of BNS 2023)
दण्डावधियों की भिन्नों (भागों) की गणना करने मं, आजीवन १.(कारावास) को बीस वर्ष के १.(कारावास) के तुल्य गिना जाएगा ।
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१. विधि अनुकूलन आदेश १९५० द्वारा उस प्रान्त की प्रान्तीय सरकार जिसके भीतर अपराधी को दण्ड दिया जाएगा के स्थान पर प्रतिस्थापित । बदले हुआ मूलपाठ भारत शासन (भारतीय विधि अनुकूलन) आदेश १९३७ द्वारा भारत सरकार या उस स्थान पर प्रतिस्थापित किए गए थे ।
धारा ५८ :
निर्वासन से दंडादिष्ट अपराधियों को निर्वासित न कर दिया जाएं तब तक उनके साथ कैसा व्यवहार(बर्ताव) किया जाए :
दंड प्रक्रिया संहिता(संशोधन) अधिनियम १९५५(१९५५ का २६) की धारा ११७ और अनुसूची द्वारा निरसित (१ जनवरी १९५६) ।
धारा ५९ :
कारावास के बदले निर्वासन :
दंड प्रक्रिया संहिता(संशोधन) अधिनियम १९५५(१९५५ का २६) की धारा ११७ और अनुसूची द्वारा निरसित (१ जनवरी १९५६) ।